सरकार ने उड़ाए हेपटाइटिस के लिये महत्वपूर्ण कदम:डॉ अजय भल्ला

 


फोर्टिस ने मनाया विश्व हेपॅटाइटिस दिवस
 - रोग के कारणों तथा उपचार के बारे में लोगों को दी जानकारी 


नोएडा ( अमन इंडिया)।  जनता को वायरस से फैलने वाले हेपॅटाइटिस के बारे में जानकारी देने के मकसद से वर्ल्डक हेपॅटाइटिस दिवस के मौके पर फोर्टिस अस्पाताल ने एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व  डायरेक्टंर एवं हैड, गैस्टेररोएंटेरोलॉजी डॉ अजय भल्ला ने किया। 
इस मौके पर सेक्टर 62 स्थित अस्पताल में एक शिविर लगाया गया। जिसमें हेपॅटाइटिस बी एवं सी वायरस की फ्री स्क्री निंग, हेपॅटाइटिस बी वैक्सीन की एक खुराक तथा मुफ्त फाइब्रोस्कैइन टैस्टा के साथ-साथ हेपॅटाइटिस पॉज़िटिव मरीज़ों को सीनियर कंसल्टैंसट्स द्वारा परामर्श भी दिया गया। कैंप में करीब 500 लोगों ने जांच और परामर्श सुविधा का लाभ उठाया। 
इस दौरान डॉ अजय भल्ला ने बताया कि वायरस जनित हेपॅटाइटिस की वजह से लीवर में इंफेक्श न और इंफ्लेमेशन की शिकायत होती है। एक्यूपट हेपॅटाइटिस आमतौर से कुछ समय में स्वंयं समाप्त  हो जाता है लेकिन इसकी वजह से क्रॉनिक हेपॅटाइटिस या लिवर कैंसर की आशंका बढ़ जाती है। हेपॅटाइटिस वायरस सबसे आम कारण हैं जबकि अन्यक कम प्रमुख कारणों में ऑटोइम्यू न रोग, टॉक्सिक पदार्थों जैसे शराब अथवा अन्यि दवाओं आदि का सेवन शामिल है। हेपॅटाइटिस बी और सी की वजह से गंभीर मेडिकल समस्याएं पैदा हो सकती हैं जो मृत्यु  का कारण भी बन सकती हैं। इसके उलट, हेपॅटाइटिस ए तथा ई मल-मुख मार्ग से और हेपॅटाइटिस बी, सी  और डी रक्तह, वीर्य तथा शरीर के अन्यल तरल द्रव्योंइ के माध्यमम से फैलते हैं। एक्यूटि हेपॅटाइटिस से शरीर में सीमित या कोई लक्षण दिखायी नहीं देता, अथव जॉन्डिस, गाढ़े रंग का पेशाब, अत्यधिक थकान, मितली आना, उल्टील और पेट दर्द की शिकायत हो सकती है। 
उन्होंने बताया कि इससे बचाव के लिए 1 से 18 साल की उम्र के बच्चों  को दो वैक्सीअन, वयस्कों को हेपेटाइटिस ए की प्राइमरी वैक्सीचन के बाद 6 से 12 महीने पर एक बूस्टपर खुराक देनी चाहिए। 
डॉ अजय भल्लाल  ने बताया कि हेपॅटाइटिस की वजह से लीवर पूरी तरह से काम करना बंद कर सकता है या इसकी कामकाज की क्षमता पर असर पड़ता है तथा शरीर की अन्यह महत्पूपर्ण कार्यप्रणालियां भी प्रभावित होती हैं। टाइप ए, बी, सी, डी और ई पांच प्रमुख हेपॅटाइटिस वायरस हैं जिनमें टाइप बी और सी बहुत अधिक लोगों को क्रोनिक रोगों का शिकार बनाते हैं तथा लिवर सिरोसिस और कैंसर के सबसे आम कारणों में से हैं। 
 कार्यक्रम के दौरान ज़ोनल डायरेक्टर हरदीप सिंह  ने कहा कि हेपॅटाइटिस वायरस की वजह से पैदा होने वाली चिकित्सकीय स्थितियों के चलते स्वास्थ्य में गिरावट और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है। सेहतमंद लाइफस्टासइल की आदतों को अपनाने और खानपान का नियमित शेड्यूल पालन कर इनसे बचाव मुमकिन है। रोग से बचने की संभावना दूर करने के लिए वैक्सीनन उपलब्धल हैं और इन उपायों को अपनाना चाहिए।