इस राष्ट्रीय कार्यक्रम का उद्देश्य व्यापारियों में डिजिटल भुगतान की स्वीकार्यता को बढ़ाना है
'टीम कैशलेस इंडिया' के लॉन्च पर प्रवीण खंडेलवाल, राष्ट्रीय महासचिव, कैट; महेंद्र सिंह धोनी और अरी सरकार सह-अध्यक्ष, एशिया प्रशांत, मास्टरकार्ड
नई दिल्ली :(अमन इंडिया) – डिजिटल भुगतान की स्वीकार्यता और इसे अपनाने में तेजी लाने के लिए मास्टरकार्ड ने आज महान क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के साथ मिलकर एक राष्ट्रीय कार्यक्रम को लॉन्च करने की घोषणा की है। 'टीम कैशलेस इंडिया' नामक यह कार्यक्रम उपभोक्ताओं और व्यापारियों को डिजिटल भुगतान तंत्र में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेगा। यह अभियान प्रत्येक भारतीय को ऐसे एक या अधिक व्यापारियों का नामाकंन करने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जो वर्तमान में डिजिटल भुगतान स्वीकार नहीं कर रहे हैं। मास्टरकार्ड नामांकित व्यापारियों को डिजिटल भुगतान स्वीकार्यता बुनियादी ढांचा स्थापित करने में मदद के लिए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट), अधिग्रहणकर्ता बैंक और फिनटेक कंपनियों के साथ मिलकर काम करेगा।
यह पहल मास्टकार्ड के उस प्रयास के अनुरूप है, जो लोगों को अपने दैनिक खरीदारी के लिए डिजिटल भुगतान का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है। 'टीम कैशलेस इंडिया' में भाग लेने के लिए, कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन या 9016861000 पर मिस्ड कॉल देकर व्यापारी को नामित कर सकता है। डिजिटल भुगतान को स्वीकार करने के लाभों के बारे में व्यापारियों को अवगत कराने और व्यापारियों को नामित करने के लिए उपभोक्ताओं को एक मंच उपलब्ध कराने के लिए मास्टरकार्ड विभिन्न शहरों में जागरूकता कार्यक्रम भी चलाएगा। इस नामाकंन से भारत को एक नकदरहित समाज बनाने के लिए सामाजिक आंदोलन पैदा होने की उम्मीद है। इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए, महेंद्र सिंह धोनी व्यापारियों के साथ बातचीत करेंगे और उन्हें डिजिटल भुगतान अपनाने के जरिये कैशलेस भारत बनाने में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। मास्टरकार्ड चुनिंदा नामांकित व्यापारियों और उपभोक्ताओं को महेंद्र सिंह धोनी की टीम कैशलेस इंडिया में शामिल होने का मौका उपलब्ध कराएगा।
सरकार डिजिटल समावेशन को अर्थव्यवस्था की आधारशिला बनाने के लिए डिजिटल भुगतान को सक्रियता से प्रोत्साहित कर रही है और इसलिए कम-नकद वाली अर्थव्यवस्था के लिए कई कदम उठा रही है। इसे सफल बनाने के लिए, डिजिटल भुगतान अवसंरचना की स्वीकृति सबसे महत्वपूर्ण है और भारत को 2021 के अंत तक लगभग 2.5 से 3 करोड़ स्वीकार्य स्थलों की आवश्यकता होगी। डिजिटल भुगतान छोटे व्यापारियों के लिए कई तरीके से फायदेमंद है, जैसे नकद प्रबंधन की निम्न लागत, धन की सुरक्षा एवं क्रेडिट हिस्ट्री, जो और अधिक व्यापार के लिए नए दरवाजे खोलती है।
सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप, 'टीम कैशलेस इंडिया' 2020 तक भारत में 1 करोड़ व्यापारियों को डिजिटल भुगतान स्वीकार्य क्षमता के साथ लैस करने के मास्टरकार्ड के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। क्रिकेट दिग्गज महेंद्र सिंह धोनी की सक्रिय भागीदारी कैश-टू-डिजिटल संवाद को आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करेगी,जबकि कैट, अपने 7 करोड़ व्यापारियों और कारोबारियों के व्यापक नेटवर्क के साथ, व्यापारियों तक पहुंचने के लिए आवश्यक क्षमता और पहुंच प्रदान करेगा। भागीदार बैंक और भुगतान सुविधा प्रदाता प्वाइंट ऑफ सेल पर डिजिटल भुगतान इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के लिए व्यापारियों के साथ काम करेंगे।
इस पहल के बारे में बात करते हुए, महेंद्र सिंह धोनी ने कहा, “एक छोटे शहर में रहकर बड़ा होने के कारण, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण आने वाली चुनौतियों को मैं अच्छी तरह समझता हूं। मैं वास्तव में एक ऐसे समाज के निर्माण के लिए मास्टरकार्ड की प्रतिबद्धता से प्रेरित हूं, जहां सभी के पास सुरक्षित, सुनिश्चित और आसान डिजिटल भुगतान तक पहुंच हो। यह एक प्रगतिशील यात्रा है और इसके लिए व्यापक टीमवर्क की आवश्यकता है। टीम कैशलेस इंडिया के जरिये, मैं प्रत्येक भारतीय उपभोक्ता और व्यापारी इस टीम का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करना चाहूंगा और चाहूंगा कि वह डिजिटल सशक्त कैशलेस समाज के रूप में भारत के विकास में अपनी भूमिका निभाएं।”
प्रवीण खंडेलवाल, राष्ट्रीय महासचिव, कैट ने कहा, “कैट को व्यापारियों और कारोबारियों की राष्ट्रीय आवाज के रूप में जाना जाता है। हम डिजिटल भुगतान के लाभ के बारे में व्यापारियों को शिक्षित करने और इसे अपने व्यवसाए के लिए लागू करने के लिए मास्टरकार्ड की पहल का हिस्सा बनने पर बहुत रोमांचित हैं। यह न केवल भुगतान की सुविधा और सुरक्षा को बढ़ाता है बल्कि व्यापारियों के लिए नए कारोबारी अवसर भी पैदा करता है और भारतीय अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को भी बढ़ाता है।”
मनीष पटेल, सीईओ और संस्थापक, एमस्वाइप ने कहा, “भारत में कैशलेस व्यापारी एमस्वाइप का प्रमुख मिशन है और मास्टरकार्ड के साथ जुड़कर हमारी वृद्धि तेज हुई है,हम मार्च 2019 में 4 लाख स्वीकार्यता केंद्रों से बढ़कर आज 10 लाख स्वीकार्यता केंद्र तक पहुंच चुके हैं। भारत के क्रिकेट दिग्गज और मास्टरकार्ड के ब्रांड एम्बेस्डर एम.एस. धोनी के साथ मिलकर, हमारा लक्ष्या मार्च 2020 तक 30 लाख स्वीकार्यता केंद्र तक पहुंचना है।”
इस पहल के बारे में विस्तार से बताते हुए, अरी सरकार, सह-अध्यक्ष, एशिया महाद्वीप, मास्टरकार्ड ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में, मास्टरकार्ड ने व्यापारियों के बीच, विशेषकर टियर 2 और 3 शहरों में, डिजिटल भुगतान की स्वीकृति को बढ़ाने के लिए निरंतर निवेश और बिना रुके काम कर रहे हैं, क्योंकि ये भारत की आर्थिक वृद्धि के वास्तविक चालक हैं। यह रोमांचक पहल मास्टरकार्ड की डिजिटल इंडिया प्रतिबद्धता और महेंद्र सिंह धोनी की प्रगतिशील 'भारत' के प्रतिनिधित्व को एक साथ लाती है। मास्टरकार्ड का मानना है कि टीम कैशलेस इंडिया भारत के एक कैशलेस अर्थव्यवस्था के रूप में बदलाव में तेजी लाने के लिए उपभोक्ताओं और व्यापारियों को इससे जोड़ने में प्रमुख भूमिका निभाएगा।”
पिछले कुछ वर्षों में, भारत में डिजिटल भुगतान में काफी वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2018-19 में, देश में 31.34 अरब रिटेल डिजिटल भुगतान दर्ज किया गया। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 40 अरब डिजिटल लेन-देन का लक्ष्य तय किया है। हालांकि, लगभग 90 प्रतिशत रिटेल भुगतान अभी भी नकद में हो रहा है। यह महानगरीय शहरों से परे बदलाव के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करता है। मास्टरकार्ड डिजिटल भुगतान के प्रति जागरूकता और इसकी स्वीकार्यता को बढ़ाने के लिए भागीदारी बैंकों, कैट और फिनटेक कंपनियों के साथ निरंतर काम कर रहा है। व्यापारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यशालाओं, छोटे व्यापारियों के लिए निम्न-लागत वाले स्वीकार्यता समाधान और जागरूकता विज्ञापन अभियानों के परिणामस्वरूप जागरूकता बढ़ाने और सोच में बदलाव लाने में मदद मिली है।