नोएडा (अमन इंडिया)।
केंद्रीय कृषि मंत्री प्रताप चंद्रा सारंगी ने इंडस फूड का उद्घाटन किया और कहा कि कृषि निर्यात को लगेंगे पंख इन देशों के 700 से भी ज्यादा खरीदार इकोनोमिक सर्वे (Economic Survey) के अनुसार वर्ष 2019-20 के दौरान कुल एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट (Agri Export) 2.52 लाख करोड़ रुपये का हुआ था। लेकिन इसमें से अधिकतर निर्यात चावल, रॉ कॉटन, मसाले, ऑयल मील जैसे प्राइमरी प्रोडक्ट (Primary Product) का होता है। यदि इन्हें प्रोसेस (Process) करके भेजा जाए तो इन चीजों के दाम काफी बढ़ जाते हैं। कोरोना पर काबू पाने के बाद निर्यात, खास कर कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास तेज हो गए हैं इसी क्रम में ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में आगामी 20 एवं 21 मार्च को चौथे इंडस फूड का आयोजन हो रहा है
यह कार्यक्रम केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय और ट्रेड प्रोमोशन काउंसिल आफ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हो रहा है इसमें 50 से भी अधिक देश के 700 से भी अधिक खरीदार भाग लेंगे। कृषि निर्यात को लगेंगे पंख
कोरोना (Covid-19) पर काबू पाने के बाद निर्यात, खास कर कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास तेज हो गए हैं। इसी क्रम में ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट (India Expo Mart) में आगामी 20 एवं 21 मार्च को चौथे इंडस फूड (Indus Food) का आयोजन हो रहा है। यह कार्यक्रम केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय और ट्रेड प्रोमोशन काउंसिल आऑफ इंडिया (Trade Promotion Council Of India) के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हो रहा है। इसमें 50 से भी अधिक देश के 700 से भी अधिक खरीदार भाग लेंगे।
सरकार का ध्यान प्रोसेस्ड फूड के निर्यात पर यूं तो देश से कृषि पदार्थों का काफी निर्यात होता है। इकोनोमिक सर्वे के अनुसार वर्ष 2019-20 के दौरान कुल एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट 2.52 लाख करोड़ रुपये का हुआ था। लेकिन इसमें से अधिकतर निर्यात चावल (Rice), रॉ कॉटन (Raw Cotton), मसाले (Spices), ऑयल मील (Oil meal) जैसे प्राइमरी प्रोडक्ट (Primary Product) का होता है। यदि इन्हें प्रोसेस (Process) करके भेजा जाए तो इन चीजों के दाम काफी बढ़ जाते हैं। इसलिए एग्रीकल्चर सेक्टर (Agriculture Sector) से प्रोसेस्ड फूड (Processed Food) के निर्यात के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने इंडस फूड (Indus Food) का आयोजन शुरू किया है। कोरोना की वजह से पिछले साल इसका आयोजन नहीं हो पाया था। अब कोरोना पर काबू पाने के बाद इसका आयोजन एक बार फिर से किया जा रहा है।
2020 में पहली बार नहीं छपा ट्रेनों का टाइम-टेबल, ये थी वजह
प्रोसेस होने से मिलता है कई गुना ज्यादा दाम ट्रेड प्रोमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (TPCI) के अध्यक्ष मोहित सिंगला का कहना है किसी कृषि वस्तुओं को प्रोसेस कर दिया जाए तो उसकी कीमत काफी बढ़ जाती है। फ्रेंच फ्राई (French Fry) का उदाहरण देते हुए सिंगला बताते हैं कि यदि आलू का निर्यात (Potato Export) किया जाए तो इसका दाम 10 या 20 रुपये किलो मिलेगा। लेकिन यदि इसे प्रोसेस कर फ्रेंच फ्राई बना लिया जाए तो इसका एक्सपोर्ट प्राइस 70 रुपये किलो से भी ज्यादा हो जाता है। इसी तरह यदि इमली को सीधे बाहर भेज दिया जाए तो इसकी कीमत 40 रुपये किलो मिलती है। यदि इसका बीज निकाल दिया जाए तो इसकी कीमत 120 रुपये किलो हो जाती है। यदि इसे प्रोसेस कर चटनी आदि बना दिया जाए तो कीमत 400 रुपये किलो जाती है।
एक अरब डॉलर का कारोबार होने की उम्मीद सिंगला का कहना है कि इंडस फूड 2021 (Indus Food 2021) के दौरान ही करीब एक बिलियन डॉलर के व्यावसायिक करार होने की उम्मीद है। इससे भारतीय किसानों को मदद मिलेगी और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एग्रीकच्लर प्रोडक्ट को बेहतर मूल्य मिलेगा। साथ ही, किसानों की आय दोगुनी करने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि फूड प्रोसेसिंग सेक्टर भारतीय निर्यात जगत का मजबूत स्तंभ बनकर उभरेगा। उल्लेखनीय है कि आज भारतीय अर्थव्यवस्था के सबसे प्रतिस्पर्धी सेक्टरों में एक फूड प्रोसेसिंग सेक्टर है।