गौतम बुद्ध नगर (अमन इंडिया)। गलगोटिया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी ग्रेटर नोएडा में मानवीय शिक्षा पर चल रहे तीन दिवसीय प्रथम उत्तर क्षेत्रीय कॉन्फ्रेंस का समापन
किया गया। यह सम्मलेन यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज के स्वयंसेवकों के लिए मानवीय शिक्षा पर आधारित था। इस कॉन्फ्रेंस में लगभग 75 प्रतिभागीयों ने भाग लेकर मूल्य शिक्षा के शिक्षण तथा इस क्षेत्र में उनके द्वारा की गई उपलब्धियों को आपस में साझा करते हुए शिक्षा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए अपने योगदान की चर्चा की और मानवीय शिक्षा से सम्बंधित सभी पहलुओं को शामिल किया। एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो० अनिल डी० सहस्त्रबुद्धे ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० में शिक्षा को लेकर बहुत बड़े बदलाव किये गए है। जिसमें यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज और इंडियन नॉलेज सिस्टम के शिक्षण पर बल दिया गया है। गलगोटिया कॉलेज के निदेशक प्रो० बृजेश सिंह ने बताया कि एआईसीटीई द्वारा की इस प्रकार का यह पांचवा और उत्तर भारत का पहला सम्मलेन है। मानव शिक्षा सेवकार के संस्थापक गणेश बगारिया ने स्वंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि मान्यताओं घ्रणा विरोध आदि के बजाय सद्भाव और सुविचारों के साथ रहना चाहिए। अन्य विशेषज्ञ भानु प्रताप सिंह ने बताया कि मानवीय शिक्षा पर आधारित विषय को एआईसीटीई के कॉलेजों के साथ साथ यूजीसी से संबन्धित विद्यालयों में भी लागू करने की पूरी तैयारी है। यह मध्य प्रदेश के कुछ स्कूलों में लागू भी हो चुकि है। डॉ० उपासना मिश्रा ने सभी छात्रों और अध्यापकों को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। वंशिका और कार्तिकेय ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि संबंधों के निर्वाह के लिए मानवीय मूल्यों को जानना बहुत आवश्यक है। आज के अंतिम सत्र का संबोधन एनसी-यूएचवी के अध्यक्ष डॉ० एच डी चरण, प्रो0 रजनीश अरोडा ने दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ० वंदना सिंह ने किया और धन्यवाद ज्ञापन प्रिया श्रीवास्तव ने दिया। इस दौरान प्रो0 राजीव नाथ, डॉ० मोती चंद्र यादव, डॉ० बीएन पांडेय, नियति गर्ग, अनिल राठौड़, डॉ० युधिष्ठिर सिंह, डॉ० गौरव मिश्रा डॉ० कुमार संभव आदि लोग उपस्थित रहे।