गौतम बुद्ध नगर (अमन इंडिया)। गलगोटिया विश्वविद्यालय के पुस्तकालय विभाग ने नवीन पुस्तकालय और सूचना सेवाओं पर एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
किया। इस अवसर पर इग्नू नई दिल्ली की प्रति कुलपति डॉ0 उमा कांजीलाल मुख्य अथिति और राजा राममोहन रॉय लाइब्रेरी फाउंडेशन, कोलकाता के महानिदेशक प्रो0 डॉ अजय प्रताप सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में सामिल हुए। इस संगोष्ठी में देश विदेश के 150 विशेषज्ञ भाग लेकर लाइब्रेरी में भविष्य की संभावनाओ और चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा की। उदघाटन संबोधन में विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ध्रुव गलगोटिया ने सूचना संचार प्रौद्योगिकी में प्रगति के परिणाम पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि पुस्तकालय तेजी से बदल रहे हैं। पुस्तकालय उद्योग अब व्यावहारिक रूप से एक वेब आधारित उद्योग है। पुस्तकालय और सूचना विज्ञान समुदाय अपने मोबाइल उपकरणों का उपयोग करके अपने ज्ञान और सूचना की जरूरतों को पूरा कर रहा है। उनका लक्ष्य यह होना चाहिए कि ज्ञान सुलभ, मुफ्त और समान रूप से संरक्षित हो, साथ ही साथ हमारी सांस्कृतिक और वैज्ञानिक विरासत सुरक्षित हो। वाइस चांसलर प्रो0 डाॅ0 प्रीति बजाज ने कहा कि इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्देश्य ज्ञान और कौशल विनिमय के लिए एक मंच प्रदान करना है। जिसमें
भारत में सूचना पेशेवरों पर एक वैश्विक परिप्रेक्ष्य के अंतर्गत अभिनव योजनाओं को प्रस्तुत करना, क्लासिक्स के साथ-साथ नए विचारों पर पर बहस करना और विविध पृष्ठभूमि के प्रतिभागियों के बीच घनिष्ठ सहयोग की सुविधा प्रदान करना है और रुचि के विषयों में उच्च गुणवत्ता वाले शोध पत्र और चर्चा होगी। बिशप विश्वविद्यालय कनाडा की पुस्तकालय अध्यक्ष कैथरीन लवली वेल्च ने नवीन पुस्तकालय और सूचना सेवाओं पर, ब्रिटिश पुस्तकालय की अध्यक्ष सीमा राम प्रसाद ने ब्रिटिस पुस्तकालय में नवाचार विषय पर, ईस्ट वेस्ट यूनिवर्सिटी ढाका बांग्लादेश की डॉ0 दिलारा बेगम ने संभावनाएं और चुनौतियां, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की डॉ0 परवीन बब्बर ने भारतीय इलेक्ट्राॅनिक संसाधन प्रबंधन पर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के डॉ0 नबी हसन ने पुस्तकालय में उभरते रुझान और प्रौद्योगिकियां पर, बेनेट विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा के प्रो0 डॉ0 संजय कटारिया ने विश्वविद्यालय पुस्तकालयों के लिए एकीकृत मोबाइल ऐप पर अपने विचार रखे। विश्वविद्यालय में नये संस्करणो की पुस्तकों की प्रदर्शनी भी लगाई गयी। इस दौरान विश्वविद्यालय के लाईब्रेरी हैड डाॅ0 देबल चन्द्राकर, शम्स खान, मतलूब अली खान, पुनीत श्रीवास्तव, प्रदीप कौशिक, कुलदीप, आबिदा दुर्रानी, विकास, आरती, विरेन्द्र वर्मा मोजूद रहे।