नई दिल्ली (अमन इंडिया) । गया (बिहार) की 86 वर्षीय सुमित्रा शर्मा, जो कि हृदय रोगी भी हैं, हाल में अपने घर में वॉशरूम में गिर गईं और उनके बाएं कूल्हे (फीमर नैक) में फ्रैक्चर हो गया। इससे पहले वे स्तन कैंसर मरीज़ रह चुकी हैं और 18 वर्ष पहले उनकी एंजियोप्लास्टी भी हो चुकी है और वे डबल ब्ल्ड थिनर दवाओं का भी सेवन कर रही थीं।
गिरने के तीन दिन उन्हें गया (बिहार) से ओखला( दिल्ली) स्थित फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल, में भर्ती कराया गया। अस्पताल में भर्ती के समय उन्हें सीने में दर्द की शिकायत थी, इकोकार्डियोग्राम से पुराने मर्ज की जगह पर ही एक्यूट कार्डियाक इवेंट का पता चला और हृदय की दीवारों के कुछ भागो में हल्की मूवमेंट भी थी। उनका हृदय पूर्ण क्षमता के मुकाबले केवल 30% ब्लड पंप कर रहा था (इजेक्शन फ्रैक्शन 30%)। सर्जरी से पहले उनकी एंजियोग्राफी की गई और उनकी ब्लड थिनर्स दवाओं में हेपरिन को भी मिलाया गया। मरीज़ के पुराने रोगों/मेडिकल स्थिति के चलते यह मामला काफी जटिल था और उनकी तत्काल सर्जरी की जानी थी। डॉ कौशल कांत मिश्रा, डायरेक्टर – ऑर्थोपिडिक्स एंड ज्वाइंट रिप्लेसमेंट, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स, ओखला, नई दिल्ली ने मात्र 15 मिनट 35 सेकंड में मरीज़ की हिप बॉल रिप्लेसमेंट सर्जरी पूरी की। यह दुनियाभर में सबसे कम समय में इस प्रकार की सर्जरी है और ऐसा कर डॉ मिश्रा और उनकी टीम ने अपने ही पिछले रिकॉर्ड को तीन मिनट से पछाड़ा है।
डॉ कौशल कांत मिश्रा ने कहा, ''इस प्रकार के फ्रैक्चर का इलाज करना काफी चुनौतीपूर्ण था क्योंकि मरीज़ को पहले से कई प्रकार की तकलीफें और रोग थे। समय पर सर्जरी कर उनका जीवन बचाया जा सका है क्योंकि ऐसे मामलों में सर्जरी में देरी करने से मरीज़ बिस्तर पर सिमटकर रह जाता है। मरीज़ की अधिक उम्र और उनका पहले से ही दोहरी एंटी-प्लेटलेट दवाओं पर होना भी एक चुनौती था और सर्जरी से दो घंटे पहले एंजियोग्राफी के लिए हिपेरिन का इस्तेमाल भी सर्जरी के लिए जोखिमपूर्ण था। उनका इजेक्शन फ्रैक्चर मात्र 30% था जबकि सामान्य रूप से यह 60% होता है।
उन्होंने कहा, ''इस मामले में स्पाइनल एनेस्थीसिया, जो कि शरीर के निचले भागों (लोअर लिंब) की सर्जरी में कारगर होता है, नहीं दिया जा सकता था और जनरल एनेस्थीसिया की एकमात्र विकल्प था लेकिन मरीज़ की उम्र और उनके हृदय की कमज़ोर स्थिति के मद्दनेज़र यह भी खतरे से खाली नहीं था। एनेस्थीसिया के चलते शारीरिक कमजोरी, ऑपरेशन के बाद स्मृति ह्रास और अन्य कई न्यूरोलॉजिकील समस्याएं पैदा हो सकती हैं।''
डॉ मिश्रा ने इस क्लीनिकल उपलब्धि के लिए अपनी पूरी टीम के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सभी के सामूहिक प्रयासों और भरपूर तालमेल के चलते ही मुमकिन था। ऑर्थोपिडिक्स अीम में डॉ कौशल कांत मिश्रा, डॉ ब्रजेश कौशले, डॉ रविंद्र सिंह, डॉ सचिन शर्मा, डॉ मोहन शामिल थे। एनेस्थीसिया टीम में डॉ मंजू और डॉ आशुतोष के नेतृत्व में डॉ अंजु शामिल थीं जबकि कार्डियोलॉजी टीम का नेतृत्व डॉ विजय कुमार कर रहे थे।
फोर्टिस हैल्थकेयर लिमिटेड के बारे में
फोर्टिस हैल्थकेयर लिमिटेड, जो कि आईएचएच बेरहाड हैल्थकेयर कंपनी है, भारत में अग्रणी एकीकृत स्वास्थ्य सेवा प्रदाता है। यह देश के सबसे बड़े स्वास्थ्यसेवा संगठनों में से एक है जिसके तहत् 27 हैल्थकेयर सुविधाओं समेत (इनमें वे परियोजनाएं भी शामिल हैं जिन पर फिलहाल काम चल रहा है), 4100 बिस्तरों की सुविधा तथा 419 से अधिक डायग्नॉस्टिक केंद्र (संयुक्त उपक्रम सहित) हैं। फोर्टिस का भारत के अलावा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) तथा श्रीलंका में भी परिचालन है। कंपनी भारत में बीएसई लिमिटेड तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर सूचीबद्ध है। यह अपनी ग्लोबल पेरेंट कंपनी आईएचएच से प्रेरित है तथा मरीज़ों की विश्वस्तरीय देखभाल एवं क्लीनिकल उत्कृष्टता के उनके ऊंचे मानकों से प्रेरणा लेती है। फोर्टिस के पास 23,000 कर्मचारी (एसआरएल समेत) हैं जो दुनिया में सर्वाधिक भरोसेमंद हैल्थकेयर नेटवर्क के तौर पर कंपनी की साख बनाने में लगातार योगदान देते हैं। फोर्टिस के पास क्लीनिकल से लेकर क्वाटरनरी केयर सुविधाओं समेत अन्य कई एंसिलियरी सेवाएं उपलब्ध हैं।