43वां दास धर्म सेवादारी दिवस समागम लोनी दरबार


दिल्ली (अमन इंडिया ) । ‘विश्व में शांति की बातें नहीं बल्कि उस पर यकीन कर शांति के सार्थक मार्ग पर चलना होगा’ - महाराज त्रिलोचन दर्शन दास        


  दास धर्म सेवा सेवादारी समागम के अंतिम दिन हज़ारो की संख्या में भक्तों ने प्रवचन सुने ओर सच्चाई और इमानदारी रास्ते पर चलने का प्रण लिया  सचखण्ड नानक धाम के प्रमुख परम संत महाराज त्रिलोचन दास जी ने उपस्थित श्रद्धालु जनों के अपार जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा की दास धर्म का मूल तत्त्व है की मानव सही मायनो में मानव तभी बन सकता है जब वह आत्मिक और मानसिक रूप से शांत हो और दुसरो की भलाई के लिए तत्पर रहे I व्यक्ति में मानवता के प्रति प्रेम करने के लिए गुरु की आवश्यकता है क्योंकि वही मानव रुपी बर्तन को मांज कर माँज कर साफ़ कर नवीनता देता है I 

 शिवरात्रि के अवसर पर इस समागम पर गुरु महाराज जी ने भगवान् महादेव की उपमा की और विश्व भर में एक जुट होकर शांति की स्थापना करने के प्रयास करने का आहवान किया ताकि आने वाले समय में सारा विश्व ही वसुधैव कुटुम्बकम के मत को सार्थक कर सके I


दास दीपक मारवाह व दास हैरी ने बताया कि  धर्म सेवादारी दिवस के चार दिवसीय समागम के चौथे दिन पर गरीब विद्यार्थियों को पुस्तकें एवं स्टेशनरी का सामान व बच्चो को निशुल्क शिक्षा देने,

लोक कल्याण और विश्व शांति स्थापना को समर्पित इस समागम में निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर, निशुल्क मेडिकल कैम्प, ध्यान शिविर और 24 घंटे अनवरत लंगर का प्रबंध किया गया I

सत्य भूषण जैन ने बताया कि आज ही गुरु माँ विभूति त्रिलोचन दास जी ने ध्यान शिविर में साधकों को ध्यान और समाधि लगाने का अभ्यास कराया  साथ ही उन्होंने ध्यान करने के लाभ और किस प्रकार से ध्यान से तनाव को कम कर जीवन को शांत और सुखमय बना सकते है विषय पर प्रकाश डाला I