*नोएडा हाट में हुआ सरस आजीविका मेला 2023 का उद्घाटन
*भारत सरकार के मंत्री तथा राज्य मंत्रियों ने किया सरस मेला 2023 का उद्घाटन
*महिला सशक्तिकरण की सशक्त पहल है सरस आजीविका मेला : गिरिराज सिंह
*देशभर के 25 करोड़ घरों में से 19 करोड़ घर ग्रामीण क्षेत्र में हैं : गिरिराज सिंह
*सरकार का प्रयास है हर ग्रामीण महिला/दीदी का अपना स्वरोजगार हो : कुलस्ते
*हर क्षेत्र में देश की प्रगति में महिलाओं की अहम भूमिका : साध्वी निरंजन ज्योति
नोएडा (अमन इंडिया) । भारत एक सांस्कृतिक सनातनी देश है। प्रधानमंत्री का स्पष्ट कहना है कि महिला सशक्ितकरण के नाम पर केवल कार्यक्रम आयोजित न हों, बल्िक संकल्प लेना होगा। महिलाओं के आर्थिक सशक्ितकरण पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी उद्देश्य के साथ सरस आजीविका मेले के आयोजन देशभर में किए जा रहे हैं। उक्त विचार केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री गिरिराज सिंह ने नोएडा, सेक्टर-33ए स्िथत नोएडा हाट में रखे। वे यहां मंत्रालय द्वारा आयोजित सरस आजीविका मेला 2023 के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा ग्रामीण क्षेत्र में विकास पर जोर देने की आज प्रबल आवश्यकता है। देशभर के 25 करोड़ घरों में से 19 करोड़ घर ग्रामीण क्षेत्र में हैं, जो भारत की प्रबल पहचान हैं। मंत्रालय का लक्ष्य 2024 तक 10 करोड़ बहनों/घरों को जोड़ने का है। वर्ष 1999 से 2014 तक 15 लाख घरों तक पकड़ थी, जिसे हमने 9 करोड़ तक पहुंचा दिया है। देशभर से आईं बहनें कितनी ईमानदारी और मेहनत के साथ काम करती हैं यह आपको इनके द्वारा हस्त निर्मित उत्पादों को देखकर-खरीदकर पता लग जाएगा। यहां आई कोई बहन आसाम की हो या केरल की इनके उत्पाद आपके द्वारा खरीदने से इनके घर में रोशनी आएगी, खुशहाली आएगी। सरस मेला बहनों को आत्म निर्भर बनाने का एक प्लेटफॉर्म है और ई-कॉमर्स दूसरा प्लेटफॉर्म है।
इस अवसर पर केंद्रीय ग्रामीण विकास, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्याेति ने कहा कि उत्तर प्रदेश की होने के नाते यहां नोएडा में आगमन पर मैं देशभर के राज्यों से आई सभी बहनों का स्वागत करती हूं। साथ की आपके द्वारा निर्मित उत्पादों में आप तरक्की करें ये प्रार्थना करती हूं। उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र में देश की प्रगति में महिलाओं की अहम भूमिका है। प्रधानमंत्री का यही सपना है कि भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो। इसी पहल को आगे बढ़ाते हुए महिला सशक्ितकरण पर जोर दिया जा रहा है। स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने से भी विकास का रास्ता खुलता है। सरस मेला इसका जीता जागता उदाहरण है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे देश के राज्यों की संस्कृति और उत्पादों की गुणवत्ता को दर्शाता है यह सरस आजीविका मेला। सरकार का प्रयास है कि हर ग्रामीण महिला/दीदी का अपना स्वरोजगार हो, ताकि वो अपने पैरों पर खड़ी हो सकें। हाल ही में प्रधानमंत्री ने आदि महोत्सव में अपील करते हुए कहा था कि हमारे देश की बहनें जो उत्पाद तैयार करती हैं, उनकी गुणवत्ता परखें। ग्रामीण परिवेश की बहने किस प्रकार अपने परिवार के साथ समाज और देश के विकास में भूमिका निभा रही हैं। श्री कुलस्ते ने कहा मंत्रालय का लक्ष्य है कि हर बहन की सालाना बचत एक लाख रुपये हो। इसके लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। 17 फरवरी से 05 मार्च तक आयोजित होने वाला यह सरस आजीविका मेला स्वयं में विविधता में एकता की एक अनूठी मिसाल है। यहां देश के विभिन्न राज्यों से आईं बहनें एक साथ अपने उत्पादों का न सिर्फ प्रदर्शन कर रही हैं, बल्िक एक साथ ख्ााना खा रही हैं, एक साथ रह रही हैं।
इस अवसर पर मुख्य रूप से सचिव ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार शैलेष कुमार सिंह,अपर सचिव चरणजीत सिंह, संयुक्त सचिव नीता केजरीवाल, निदेशक राघवेंद्र प्रताप सिंह तथा चिरंजी लाल कटारिया सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्िथत रहे। केंद्रीय मंत्रियों के तथा अधिकारियों के समूह ने यहां मेले में सभी राज्यों के स्टाल पर जाकर उनके उत्पादों को सराहा तथा सभी का कुशलक्षेम पूछी।
17 फरवरी से 05 मार्च 2023 तक चलने वाले इस उत्सव में नोएडा के नोएडा हाट में मौजूद क़रीब 27 राज्यों के 300 से अधिक महिला शिल्प कलाकार, जो परंपरा, हस्तकला एवं ग्रामीण संस्कृति तथा स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं, इसके साथ ही 85 से ज्यादा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। सरस मेले वर्ष 1999 से निरंतर आयोजित हो रहे हैं। इन मेलों के माध्यम से लाखों महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार हुआ है। यही नहीं स्थानीय स्तर पर भी मेले में इस बार हैंडलूम तथा हैंडीक्राफ्ट के उत्पाद शामिल किए गए है, जो लोगों को आकर्षित करेंगे। बच्चों के खेलकूद व मनोरंजन के लिए भी संसाधन मौजूद रहेंगे। मेले में दिल्ली-नोएडा सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लाखों दर्शक व ग्राहक भाग लेंगे। दर्शकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इंडिया फूड कोर्ट सरस आजीविका मेले में आकर्षण का केंद्र रहेगा। जिसमें देशभर के विभिन्न राज्यों के व्यंजन परोसे जाएंगे। इस बार महत्त्वपूर्ण इंडिया फ़ूड कोर्ट में देश भर के 20 राज्यों की 80 गृहणियों का समूह अपने प्रदेश के प्रसिद्ध क्षेत्रीय व्यंजनों के स्टाल लगाएंगी जिसमें हर प्रदेश के क्षेत्रीय व्यंजनों के स्वाद का अनोखा आनंद प्राप्त होगा। राजस्थानी कैर सागरी गट्टे की सब्ज़ी से लेकर बंगाल की फ़िश करी, तेलंगाना का चिकन, बिहार की लिट्टी चोखा, पंजाब का सरसों का साग व मक्के की रोटी, प्राकृतिक खाद्य उत्पाद, हरियाणा के बाजरे व ज्वार के लड्डू बिस्कुट, कर्नाटक व जम्मू कश्मीर के ड्राई फ्रूट सहित पूरे भारत के पकवान मौजूद रहेंगे। 01 मार्च से 05 मार्च तक मिलेट्स फीस्ट का भी आयोजन किया जाएगा।