नई दिल्ली (अमन इंडिया ) । फोर्टिस एस्कॉर्ट्स ओखला, नई दिल्ली ने दो अलग-अलग भौगोलिक, धार्मिक और प्रोफेशनल पृष्ठभूमियों के परिवारों को ‘किडनी स्वॉप ट्रांसप्लांट’ के जरिए एक-दूसरे के नज़दीक लाने का अनूठा उदाहरण पेश किया है। कश्मीर के 62-वर्षीय सुल्तान डार और बरेली के 58-वर्षीय विजय कुमार कुछ समय से उपयुक्त किडनी डोनर की तलाश में थे क्योंकि दोनों के ही मामलों में उनके ब्लड ग्रुप अपनी जीवनसंगिनियों से फर्क थे। लेकिन किस्मत ने जैसे दोनों परिवारों को आपस में मिलाने की पहले से ही तैयारी कर रखी थी। इन दोनों मरीज़ों की जीवनसंगिनियां किडनी डोनर के तौर पर उपयुक्त थीं और काउंसलिंग के बाद दोनों परिवार किडनी स्पॉप ट्रांसप्लांट के लिए सहमत हो गए। मरीज़ों को डॉ संजीव गुलाटी, प्रिंसीपल डायरेक्टर, नेफ्रोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स ओखला, नई दिल्ली की देखरेख में रखा गया था। डॉ गुलाटी की टीम में डॉ अजित सिंह नरूला, प्रिंसीपल डायरेक्टर, नेफ्रोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट भी थे और इस टीम के अन्य सदस्यों डॉ अनिल गुलिया, डायरेक्टर, यूरोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट तथा डॉ परेश जैन, डायरेक्टर, यूरोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स ओखला, नई दिल्ली ने 6 घंटे चली ट्रांसप्लांट प्रक्रिया को अंजाम दिया।
कश्मीर के सुल्तान डार क्रोनिक किडनी डिज़ीज़ के अलावा लिवर रोगी भी थे जबकि पूर्व सैन्याधिकारी विजय कुमार क्रोनिक किडनी रोग से ग्रस्त थे। ये दोनों मरीज़ पिछले करीब एक-डेढ़ साल से डायलसिस पर थे। फोर्टिस एस्कॉर्ट्स ओखला में भर्ती के बाद दोनों की सभी जरूरी जांच की गई जिसमें प्री-ट्रांसप्लांट कॉम्पेटिबिलिटी टेस्टिंग और एचएलए टाइपिंग शामिल थी। इस मामले में व्यापक विचार-विमर्श, मेडिकल प्रक्रियाओं और पात्रता जांच पूरी करने के बाद स्वॉप ट्रांसप्लांट प्रक्रियाओं को पूरा किया गया।
मामले की जानकारी देते हुए डॉ संजीव गुलाटी, प्रिंसीपल डायरेक्टर, नेफ्रोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स ओखला, नई दिल्ली ने कहा, ''दोनों मरीज़ों के मामलों में डोनर और रेसिपिएंट मिसमैच था। ऐसे में, जब कपल के बीच आपस में मिसमैच होता है तो एक विकल्प स्वॉप ट्रांसप्लांट का उपलब्ध होता है जो कि भारत में काफी दुर्लभ है। यदि यह स्वॉप ट्रांसप्लांट समय पर नहीं किया जाता तो दोनों मरीज़ ज्यादा से ज्यादा 5 वर्षों तक ही जीवित रह पाते। लेकिन अच्छी बात यह हुई कि इन दोनों परिवारों ने ट्रांसप्लांट की आवश्यकता को न सिर्फ बखूबी समझा बल्कि आपस में सलाह कर वे अपने-अपने परिवार के सदस्यों के लिए किडनी डोनेट करने के लिए आगे भी आए। इन दोनों डोनर्स द्वारा धार्मिक और भौगोलिक दूरियों को नज़रंदाज़ कर उठाए गए कदम से मरीज़ों की जान बचायी जा सकी।''
बिदेश चंद्र पॉल, ज़ोनल डायरेक्टर, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, ओखला, नई दिल्ली ने कहा, ''डॉक्टरों की योग्य टीम द्वारा समय पर उचित मार्गदर्शन और परामर्श तथा मेडिकल सॉल्यूशन उपलब्ध कराने के परिणामस्वरूप फोर्टिस की मानवसेवा की परंपरा को आगे बढ़ाने में और मदद मिली है। मैं खासतौर से डॉ संजीव गुलाबी, डॉ अजित सिंह नरूला, डॉ अनिल गुलिया, डॉ परेश जैन तथा अन्य सहयोगी स्टाफ का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने इस पूरी प्रक्रिया को मुमकिन बनाने के लिए अपना सहयोग दिया।''
फोर्टिस हैल्थकेयर लिमिटेड के बारे में
फोर्टिस हैल्थकेयर लिमिटेड, जो कि आईएचएच बेरहाड हैल्थकेयर कंपनी है, भारत में अग्रणी एकीकृत स्वास्थ्य सेवा प्रदाता है। यह देश के सबसे बड़े स्वास्थ्यसेवा संगठनों में से एक है जिसके तहत् 27 हैल्थकेयर सुविधाओं समेत (इनमें वे परियोजनाएं भी शामिल हैं जिन पर फिलहाल काम चल रहा है), 4300 बिस्तरों की सुविधा तथा 400 से अधिक डायग्नॉस्टिक केंद्र (संयुक्त उपक्रम सहित) हैं। भारत के अलावा, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) तथा श्रीलंका में भी फोर्टिस के परिचालन है। कंपनी भारत में बीएसई लिमिटेड तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर सूचीबद्ध है। यह अपनी ग्लोबल पेरेंट कंपनी आईएचएच से प्रेरित है तथा मरीज़ों की विश्वस्तरीय देखभाल एवं क्लीनिकल उत्कृष्टता के उनके ऊंचे मानकों से प्रेरणा लेती है। फोर्टिस के पास ~23,000 कर्मचारी (एसआरएल समेत) हैं जो दुनिया में सर्वाधिक भरोसेमंद हैल्थकेयर नेटवर्क के तौर पर कंपनी की साख बनाने में लगातार योगदान देते हैं। फोर्टिस के पास क्लीनिकल से लेकर क्वाटरनरी केयर सुविधाओं समेत अन्य कई एंसिलियरी सेवाएं उपलब्ध हैं।