*फोर्टिस नोएडा ने गुर्दे के कैंसर से पीड़ित 60 वर्षीय मरीज़ पर नोएडा में पहली बार रोबोट-एसिस्टेड सर्जरी को दिया सफलतापूर्वक अंजाम
नोएडा (अमन इंडिया ) । फोर्टिस हॉस्पीटल नोएडा के डॉक्टरों ने नोएडा में पहली बार रोबोट की मदद से सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। दाएं गुर्दे के कैंसर से जूझ रहे 60-वर्षीय मरीज़ पर दा-विंची-ची-रोबोट-एडेड सर्जरी को डॉ दुष्यंत नाडर, डायरेक्टर, यूरोलॉजी एंड रीनल ट्रांसप्लांट, फोर्टिस हॉस्पीटल, नोएडा के नेतृत्व में डॉ पीयूष वार्ष्णेय, प्रिंसीपल कंसल्टैंट, यूरोलॉजी एंड रीनल ट्रांसप्लांट, फोर्टिस हॉस्पीटल, नोएडा तथा डॉ अनुतम राय, एडिशनल डायरेक्टर, एनेस्थीसिया, फोर्टिस हॉस्पीटल, नोएडा की टीम ने करीब 4 घंटे में पूरा किया।
मरीज़ को जब फोर्टिस हॉस्पीटल नोएडा लाया गया तो वह पेट के दर्द से ग्रस्त थे। मरीज़ की मेडिकल जांच यानि अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन और रीनल एंजियोग्राम से उनके दाएं गुर्दे में 4.5*4.3*4.2 से.मी. आकार का एक पिंड दिखायी दिया। यह रीनल हिलम (किडनी का वह भाग जिसमें सभी रक्तवाहिकाएं और मूत्रनली होती है) में था। सीटी स्कैन रिपोर्टों से मरीज़ के रीनल कैंसर का शिकार होने की पुष्टि हुई। तब डॉक्टरों की टीम ने इस कैंसरग्रस्त पिंड को निकालने के लिए रोबोटिक सर्जरी करने का फैसला किया। इस कैंसर की लोकेशन इतनी जटिल थी कि इसे निकालना वाकई चुनौतीपूर्ण था। डॉक्टर किडनी की प्रमुख संरचनाओं को क्षतिग्रस्त किए बगैर इस कैंसरग्रस्त पिंड को निकालने में न सिर्फ सफल हुए बल्कि सर्जरी के दौरान खून भी काफी कम बहा (100 मिली से भी कम)।
इस मामले की और जानकारी देते हुए, डॉ दुष्यंत नाडर, डायरेक्टर, यूरोलॉजी एंड रीनल ट्रांसप्लांट, फोर्टिस हॉस्पीटल, नोएडा ने बताया, ''मरीज़ के गुर्दे में कैंसर ऐसी जगह पर था कि इसे सामान्य लैपरोस्कोपिक सर्जरी से हटाना बेहद कठिन था। लेकिन उन्नत रोबोटिक-एसिस्टेड टैक्नोलॉजी ने सर्जरी को आसान बनाया और डॉक्टर उन हिस्सों तक भ पहुंच सके जहां आमतौर पर सर्जन के हाथ नहीं जा सकते थे। साथ ही, ये रोबोट-एसिस्टेड सर्जरी डॉक्टरों के लिए इस लिहाज़ से भी काफी मददगार साबित होती हैं कि ये सर्जरी साइट को दस गुना तक बड़ा दिखाती हैं, जिससे वे
आसानी से रोगग्रस्त जगह को देख पाते हैं। यह पूरी प्रक्रिया काफी सहज साबित हुई और मरीज़ भी पूरी तरह से ठीक हैं। यदि इस कैंसरग्रस्त पिंड को समय पर नहीं हटाया जाता तो कुछ समय में यह पूरे गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकता था जिसके परिणामस्वरूप गुर्दे को ही निकालना पड़ सकता था।''
मोहित सिंह, ज़ोनल डायरेक्टर, फोर्टिस हॉस्पीटल नोएडा ने कहा, ''यह पहला अवसर है जबकि नोएडा में रोबोट की सहायता से सर्जरी की गई है। इस मामले में, मरीज़ की उम्र और उनके गुर्दे में कैंसरग्रस्त पिंड की स्थिति के चलते, काफी सटीक प्रक्रिया की जरूरत थी। तमाम चुनौतियों के बावजूद, सही मूल्यांकन और टैक्नोलॉजी-आधारित उपचार से मरीज़ की किडनी को बचाया जा सका। फोर्टिस हॉस्पीटल नोएडा ने क्लीनिकल उत्कृष्टता और अपनी श्रेणी में सर्वोत्तम मेडिकल सुविधाओं को उपलब्ध कराते हुए अपनी साख बनायी है।''