नोएडा (अमन इंडिया) । फेलिक्स अस्पताल ने हेपेटाइटिस डे पर डॉक्टर टॉक का आयोजन कर, मरीजों को हेपेटाइटिस के कारण, लक्षण और इलाज से अवगत करवाया | डॉ. इश्तखार ने बताया कि हेपेटाइटिस की बीमारी दबे पांव आती है। वह शरीर के भीतर पल रही होती है लेकिन लक्षण नहीं देते | उन्होंने बताया कि ऐसा दो कारणों से हो सकता है। या तो वायरस कमजोर हुआ हो अथवा उसके स्वरूप में बदलाव हुआ हो। यदि कमजोर हुआ हो तो भी, लक्षण न दिखना खतरनाक है। अचानक गंभीर रूप से व्यक्ति बीमार पड़ सकता है। इसलिए नियमित जांच जरूरी है।
उन्होंने कहा कि हेपेटाइटिस लीवर से जुड़ी बीमारी हैं। जिसमें लीवर में सूजन आ जाती है। इसका वायरस 5 प्रकार का होता है। इनमें हेपेटाइटिस -बी और सी वायरस के खून के संपर्क में आने से फैलते हैं। हेपेटाइटिस ए और ई दूषित पानी व भोजन से जबकि हेपेटाइटिस -डी अन्य वायरस के साथ होता है। सबसे खतरनाक हेपेटाइटिस बी वायरस होता है। एक से दूसरे में भी फैलने का खतरा रहता है। पुराने समय में इसे पीलिया के रूप में जाना जाता था। अब इसकी कई श्रेणियां हो गई हैं। कुछ लोग इसे शराब के साथ जोड़ते हैं। लेकिन शराब की सिरोसिस ठीक हो सकती है। दूषित पानी या खानपान से लगा संक्रमण ठीक होने में बहुत मुश्किलें पेश आ सकती हैं। पानी इस संक्रमण का सबसे बड़ा कैरियर है।
हेपेटाइटिस ए और ई अधिक खतरनाक नहीं है। यह बेड रेस्ट (घर पर आराम) के साथ दवाइयों और पौष्टिक खानपान के बाद ठीक हो जाता है। दालें, हरी सब्जियां,जूस आदि से प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाकर दोनों श्रेणियों के हेपेटाइटिस को ठीक किया जा सकता है। टैटू बनवाते या कान-नाक छिदवाते हुए सुरक्षित उपकरण प्रयोग करें। खून देते व लेते समय सावधानी बरतें। यह न करें। रेजर, टूथब्रश, सिरिंज व सूई किसी से शेयर न करें। एल्कोहल का सेवन कम करें। बाहर खाने-पीने से पहले साफ-सफाई का ध्यान रखें। हेपेटाइटिक का कारण मां से बच्चों में वायरस का प्रसार, असुरक्षित यौन संबंध, लंबे समय तक डायलिसिस, दूषित अंगदान, टूथब्रश का प्रयोग, संक्रमित सूई से टैटू बनवाना या गुदवाना, एचआईवी मरीजों में भी प्रसार का खतरा रहता है। टैटू से हेपेटाइटिस का गंभीर संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। टैटू बनाने वाले मशीन में एक ही सुई से कई का टैटू बनाते हैं। इससे संक्रमण तेजी से फैलता है।
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हेपेटाइटिस के प्रकार:
-हेपेटाइटिस ए, ई: यह दूषित भोजन खाने और दूषित पानी से होता है।
-हेपेटाइटिस बी: संक्रमित रक्त-फ्लूड चढ़ने और संक्रमित से यौन संबंध बनाने पर।
-हेपेटाइटिस सी: यह संक्रमित रक्त चढ़ाने और संक्रमित इंजेक्शन लगाने से होता है।
-हेपेटाइटिस डी: यह हेपेटाइटिस डी वायरस से होता है।
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लिवर खराब होने के कारण
-अत्यधिक शराब पीने से भी लिवर प्रभावित होता है।
-दवाओं की हैवी डोज के रिएक्शन से लिवर प्रभावित होता है।
-दूषित भोजन और पानी का अधिक समय तक सेवन से लिवर खराब होता है।
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यह दिखें लक्षण तो डाक्टर को दिखाएं--
-त्वचा और आंखों का पीला पड़ जाना।
- थकान होना, कमजोरी महसूस करना।
- उल्टी-पेट में दर्द और सूजन होना।
-भूख कम लगना, वजन घटना।
-पेशाब का रंग गहरा होते जाना।