दुनिया ने माना कोरोना के इलाज में भारतीय वैक्सीन का लोहा :
नोएडा (अमन इंडिया ) । द वैक्सीन वॉर', जिसमें मुख्य अभिनेता नाना पाटेकर, निर्माता पल्लवी जोशी, और निर्देशक विवेक अग्निहोत्री शामिल हैं, ने फेलिक्स अस्पताल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. डी.के गुप्ता और निर्देशक डॉ. रश्मि गुप्ता के साथ एक विशेष मुलाकात की। इस विशेष मुलाकात में कोरोना वैक्सीन की चर्चा के साथ फ्रंटलाइन वॉरियर्स' और 'हेल्थकेयर इंडस्ट्री के अचूक योगदान एवं सहयोग और उनके समर्पण को भी सराहा गया। दूसरी तरफ भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया जैसी संस्थानों के वैज्ञानिको द्वारा कम समय में विकसित की गयी स्वदेशी कोरोना वैक्सीन के बारें में चर्चा हुई, जिसकी मदद से देश के १४० करोड़ लोगों की जान बचाने में काफी हद तक कामयाब रही। मुलाकात क दौरान इस विषय पर भी बात हुई की कैसे भारत ने स्वदेशी वैक्सीन को ६० देशो में निर्यात किआ। भारत भी पूरी दुनिया खासकर गरीब देशों की मदद के लिए आगे आते हुए मुफ्त में कोविड वैक्सीन के करोड़ों डोज की सप्लाई की है। महामारी के दौरान दवा के क्षेत्र में व्यापक अनुभव एवं ज्ञान के कारण भारत को फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड कहा गया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोरोना से लड़ने के खिलाफ भारत ने अहम योगदान दिया था। भारतीय कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड और कोवाक्सिन को दुनियाभर के 110 देशों ने मान्यता दे दी है। इस मुलाकात के दौरान यह भी चर्चा हुई की ये भारत की पहली बायो-साइंस फिल्म' हैं जो कोरोना वैक्सीन के विकास के पीछे भारतीय वैज्ञानिकों के स्ट्गल को दिखाता है और पर्दे के पीछे की कई कहानियों को भी हाईलाइट करता है।
इस चर्चा क दौरान डॉ डीके.गुप्ता और डॉ रश्मि गुप्ता ने करोना काल क उनके अनुभवों को भी साझा किआ जिसमे उन्होंने बताया की कोरोना काल के दौरान वास्तविक जीवन में आम लोगो को चिकित्स्कीय सुविधाएं जैसे एम्बुलेंस, मेडिकल केयर, और मेडिकल इक्विपमेंट जैसे ऑक्सीजन सिलिंडर, आई सी यू बेड नहीं मिल पा रहे थे तब फेलिक्स अस्पताल ने, के डॉक्टरों ने और देश क विभिन्न डॉक्टरों ने प्रशासन के साथ मिल कर कोविड के रोकथाम में अपना अमूल्य योगदान दिया डॉ डीके. गुप्ता और डॉ रश्मि गुप्ता के इस अमूल्य योगदान की नाना पाटेकर ने खूब सराहना भी की।