नोएडा (अमन इंडिया ) । हर देश की अपनी एक भाषा, बोली होती है और उसका अपना एक साहित्य भी होता है, साहित्य लिखना और उसको इतिहास बना देना और ऐसा इतिहास जो अनंत काल तक चलता रहे और पढ़कर हमें ऐसा लगे कि हां देश की वर्तमान स्थित तो अभी भी है यानी आपकी सोच इतनी विस्तृत होनी चाहिए कि आपकी रचना कालजयी हो जाये जैसे की मुंशी प्रेमचंद जिनके साहित्य के पात्र आज भी आपको कहीं न कहीं देखने को मिल जायेगे, या कहा जाता है अगर आपको पता करना है कि किसी काल में देश में की स्थिति कैसी थी ये जानना है तो उस काल का साहित्य व उस समय की महिलाओ की दशा देखनी चाहिए यह कहना था, एएएफटी यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. संदीप मारवाह का, जिन्होंने एशियन अकादेमी ऑफ़ आर्ट्स द्वारा 9वें ग्लोबल साहित्य महोत्सव नोएडा 2023 का रंगारंग भव्य उद्घाटन किया गया जो 3 दिनों तक चलेगा। उद्घाटन के अवसर पर रॉबिन भट्ट बॉलीवुड पटकथा लेखक, कमांडर
के. एल. गंजू, कोमोरोस , एच.ई. चो हुई चोल, डीपीआर कोरिया, मैडम जोश फिन पेट्रीसिया, चार्ज डी अफेयर, गैबन, लेखक व कवि डॉ दिवाकर गोयल, लेखिका एवं कवयित्री सविता सिंह, डॉ अजय कुमार, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, एएफटी एकेडमिक फेस्टिवल डायरेक्टर सुशील भारती उपस्थित रहे। इस अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका विषय था साहित्य के माध्यम से शांति और एकता से प्रेम करें, इस विषय पर बोलते हुए डॉ दिवाकर गोयल ने कहा एक साहित्यकार की देश के प्रति बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है क्योकि कलम वो लिख जाती है जो हो सकता है एक इंसान के लिए बेशक गलत हो किन्तु देश के हित के लिए होती है , चो हुई चोल ने कहा कुछ भी लिखे पर लिखे क्योंकि लेखन से हमारा मानसिक विकास होता है। के. एल. गंजू ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि मीठा साहित्य लिखे जिससे देश में शांति और सुकून को बढ़ावा मिले, अच्छा साहित्य हमेशा देश को मजबूत बनता है, सविता सिंह ने कहा इस फेस्टिवल का हिस्सा बनकर मुझको काफी अच्छा लगा। इस अवसर पर डॉ. राम मनोहर लोहिया फोरम का पोस्टर लॉन्च व पुस्तक विमोचन भी किया गया व सूफियाना कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।