*ऑपरेशन से पहले मरीज को जो करते हैं बेहोश, क्या आप उनके बारे में जानते हैं? वर्ल्ड एनेस्थीसिया डे पर समझें एनेस्थेसियोलॉजिस्ट को जानना कितना जरूरी
नोएडा (अमन इंडिया ) । मेट्रो हॉस्पिटल्स एंड हार्ट इंस्टिट्यूट नोएडा में एनेस्थीसिया व क्रिटिकल केयर के हेड - डॉक्टर कपिल सिंघल ने वर्ल्ड एनेस्थीसिया डे के अवसर पर इससे जुड़े अहम पहलुओं पर जानकारी दी. वर्ल्ड एनेस्थीसिया डे जिसे ईथर डे के नाम से भी जाना जाता है, 16 अक्टूबर को मनाया जाता है. 16 अक्टूबर 1846 को अमेरिका के बोस्टन स्थित मैसाच्यूट्स हॉस्पिटल में पहली बार ईथर के जरिए एनेस्थीसिया का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया गया था. जिस ऑपरेशन थिएटर में ये किया गया था उसे म्यूजियम में बदल दिया गया है जो अब 'ईथर डोम' कहलाता है.
एनेस्थीसिया के उस सफल प्रयोग के बाद से मरीजों के लिए सर्जरी सुरक्षित और सुखद बन गई है. एनेस्थीसिया सेवाओं में काफी तरक्की हुई है जैसे आईसीयू, इमरजेंसी, पेन क्लिनिक और सर्जरी के लिए बेहोश करने के लिए एनेस्थीसिया दिया जाता है बावजूद इसके एनेस्थीसिया या इसके स्पेशलिस्ट के बारे में आम जनता को उतनी जानकारी नहीं है. कोविड महामारी के दौरान भी एनेस्थेसियोलॉजिस्ट ने डॉक्टरों के साथ बेहद अहम भूमिका निभाई और लोगों की जान बचाने में अपना योगदान दिया।
*डॉक्टर कपिल सिंघल ने बताया* कि इस साल वर्ल्ड एनेस्थीसिया डे 2023 की थीम 'एनेस्थीसिया एंड कैंसर केयर' है जिसका उद्देश्य कैंसर मरीजों का दर्द कम करना और कैंसर मरीजों की देखभाल करना है लेकिन आम जनता के लिए मेरा संदेश ये है 'अपने एनेस्थेसियोलॉजिस्ट को जानें'. हमें समझना चाहिए कि जैसे सर्जरी से पहले सर्जन से परामर्श किए बिना किसी सर्जरी की प्लानिंग नहीं बनाई जा सकती है, उसी तरह एनेस्थेसियोलॉजिस्ट से मरीजों या उनके परिजनों को मिलना चाहिए. ये जानें कि क्या आपके एनेस्थेसियोलॉजिस्ट इसके लिए योग्य है. साथ ही ऑपरेशन से पहले एनेस्थेसियोलॉजिस्ट द्वारा जांच करानी चाहिए।
इससे मरीज के लिए सुरक्षित और प्रभावी इलाज की योजना बनाई जा सकेगी और किसी तरह की मुश्किल आने से चांस कम रहेंगे. मैं जोर देकर ये बात कहूंगा कि अपने मरीजों के लिए अच्छे रिजल्ट पाने के लिए 'अपने एनेस्थेसियोलॉजिस्ट को जानें और अपनी एनेस्थीसिया को जानें।