भारत के ज्यादातर लोग स्वाद की तुलना में पोषण को अधिक महत्व देते हैं और उनकी संख्या दुनिया के औसत से भी ज्यादा है
शहरी उपभोक्ताओं में से 83% लोग खाने-पीने की चीज खरीदने से पहले उसके न्यूट्रीशन लेबल को पढ़ते हैं। इससे भारत में सेहतमंद खान-पान का बढ़ता चलन दिखाई देता है
अध्ययन के मुख्य अंश:
शहरी भारतीय उपभोक्ताओं के हाल ही में सर्वे पर आधारित :
• भारत में 10 में से 9 उपभोक्ता प्रोटीन से भरपूर फूड की तलाश कर रहे हैं, जबकि दुनिया में ऐसे 10 में से 7 लोग हैं।
• स्नैक्स खरीदते समय उपभोक्ता चार मुख्य गुणों पर ध्यान देते हैं- (1) प्राकृतिक, (2) दिल की सेहत के लिये अच्छा, (3) प्रोटीन से भरपूर और (4) ऊर्जा से भरपूर। यह गुण भूख मिटाने से पहले देखे जाते हैं।
• नट्स स्नैकिंग के लिये सबसे लोकप्रिय चीजों में से एक बनकर उभरे हैं। भारत में 86% खरीदारों ने 6 महीने की अवधि में इन्हें खरीदा है
• दुनिया के लोगों की तुलना में शहरी भारत के ज्यादा लोग न्यूट्रीशन लेबल्स पढ़ते हैं। यह जानकारी के साथ खरीदारी करने का बढ़ता चलन है।
• सर्वे किये गये 69% लोगों की राय है कि प्लांट-बेस्ड प्रोटीन मीट से मिलने वाले प्रोटीन जितना अच्छा होता है। जबकि दुनिया में ऐसे लोगों का औसत 55% है।
दिल्ली (अमन इंडिया ) ।आज वर्ल्ड न्यूट्रीशन डे पर वंडरफुल पिस्ताचियोस, दुनिया में पिस्ता उगाने और प्रोसेस करने वाली सबसे बड़ी कंपनी और भारत में कैलिफोर्निया पिस्ताचियोस की वितरक, ने ‘मटेरियल’ दुनिया में शोध की अग्रणी कंसल्टेन्सी के साथ मिलकर एक नई ग्लोबल स्टडी के परिणाम पेश किये हैं। यह परिणाम स्नैकिंग के मामले में शहरी भारतीयों की आदतों पर रोशनी डालते हैं। इसमें 10 देशों के 12,400 से ज्यादा लोगों से पता चला कि स्नैकिंग के मामले में शहरी भारत के उपभोक्ता स्वाद से अधिक पोषण को महत्व देते हैं। यह एक नये तरीके का व्यवहार है और सेहतमंद स्नैकिंग को लेकर बढ़ती पसंद से संपूर्ण सेहत के लिये अच्छे पोषण के महत्व पर जोर देने का पता चलता है।
खासकर भारत के बाजार में यह अध्ययन छह भारतीय शहरों के 2415 खरीदारों की स्नैकिंग की आदतों पर किया गया। यह लोग लगभग 35.9 मिलियन उपभोक्ताओं की आबादी का नमूना थे। ज्यादातर शहरी भारतीयों (58%) ने बताया कि वे खाने-पीने की चीजों की खरीदारी में स्वाद के बजाए पोषण पर ध्यान देते हैं। जबकि दुनिया में ऐसे लोगों का औसत 52% है। इसमें दिल्ली और अहमदाबाद सबसे आगे रहे, जहाँ 60% से अधिक शहरी खरीदारों ने अपने भोजन में पोषण को प्राथमिकता दी। भारत में मिलेनियल्स और जनरेशन जेड के बच्चे खरीदारी में सेहत का ध्यान रखने में सबसे आगे हैं। इन आयु समूहों के 83% से ज्यादा उपभोक्ता खरीदारी से पहले न्यूट्रीशनल लेबल्स पढ़ते हैं।
पौष्टिक स्नैक्स खरीदते वक्त भारतीय उपभोक्ता चार महत्वपूर्ण कारकों को प्राथमिकता देते हैं: प्राकृतिक (जो कृत्रिम रंगों और प्रिजर्वेटिव्स से रहित हो), दिल की सेहत के लिये अच्छा, प्रोटीन से भरपूर और ऊर्जा देने वाला। 10 में से 9 शहरी खरीदार सचेत होकर प्रोटीन से भरपूर खाद्य विकल्प मांगते हैं, जबकि इसका वैश्विक औसत 10 में से 7 का है। पोषण पर ध्यान दिये जाने से नट्स को पसंदीदा स्नैक के तौर पर पसंद किया जा रहा है और यह रोजाना के खान-पान में शामिल हो गये हैं। अध्ययन में नट्स की चौंकाने वाली खपत का पता चला, भारत में 86% खरीदारों ने 6 महीने की अवधि में इन्हें खरीदा है, जबकि दुनिया में ऐसे लोग केवल 75% थे। हर 28 ग्राम की सर्विंग में 6 ग्राम प्रोटीन के साथ, कैलिफोर्निया पिस्ताचियोस एक स्मार्ट स्नैक है, जो स्वाद से समझौता किये बिना सेहत को फायदे देता है।
वंडरफुल पिस्ताचियोस के कंट्री डायरेक्टर इंडिया शैल पंचोली ने कहा, ‘‘नट्स का इस्तेमाल त्यौहारों के दौरान पारंपरिक रूप से खाने-पीने की चीजों को सजाने में होता था। लेकिन वे अब भारत में लोकप्रिय स्नैक बन गये हैं और यह खान-पान की आदतों में एक उल्लेखनीय बदलाव है। पिछले छह वर्षों में भारत में पिस्ते की खपत दोगुनी हो गई है, क्योंकि पिस्ते से पोषण में जो फायदे मिलते हैं, उनके बारे में उपभोक्ताओं की जागरूकता बढ़ी है। उपभोक्ता समझ रहे हैं कि पिस्ते प्राकृतिक रूप से कोलेस्ट्रॉल-फ्री होते हैं, ये प्लांट-बेस्ड प्रोटीन और डाइटरी फाइबर से भरपूर होते हैं और इनमें 30 अलग-अलग विटामिन तथा मिनरल्स भी होते हैं।‘’
दिलचस्प बात यह है कि अध्ययन में पता चला कि नट्स शहरी भारतीय उपभोक्ताओं के बीच दूसरा सबसे पसंदीदा स्नैक हैं। 64% बेबी बूमर्स और 59% जनरेशन जेड ने खाने-पीने की चीजों को चुनने में स्वाद से अधिक महत्व पोषण को दिया। इससे पता चलता है कि विभिन्न पीढि़यों में सेहत को लेकर चेतना बढ़ रही है। बेबी बूमर्स बुजुर्गों की सेहत पर फोकस कर रहे हैं, जबकि जनरेशन जेड सोच-समझकर खरीदारी करने में बढ़त दिखा रही है। उम्र के मामले में यह दोनों पीढि़याँ अलग-अलग ध्रुवों जैसी हैं, लेकिन प्रोटीन से भरपूर चीजें चुनने तथा प्राकृतिक स्नैक्स को पसंद करने में आगे हैं।
कोई भी स्नैक चुनने के मामले में सबसे सचेत रहने वाले लोग मुंबई के हैं। उन्हें प्राकृतिक सामग्री (30% के राष्ट्रीय औसत की तुलना में 35%), दिल की सेहत के लिये अच्छे विकल्प (33% बनाम 30%) और प्रोटीन (33% बनाम 29%) चाहिये। चेन्नई के लोगों को ऊर्जा बढ़ाने वाले स्नैक्स चाहिये (29% के राष्ट्रीय औसत की तुलना में 31%)।
सर्वे किये गये 69% शहरी भारतीयों का मानना है कि प्लांट-बेस्ड प्रोटीन मीट से मिलने वाले प्रोटीन जितना ही अच्छा होता है। यह आहार के मामले में तरह-तरह की पसंद को लेकर सकारात्मक बदलाव दिखाता है। पिस्ते उच्च–गुणवत्ता के संपूर्ण प्रोटीन का अच्छा स्रोत हैं और उनमें सभी नौ जरूरी अमीनो एसिड्स होते हैं। पिस्ते की 28 ग्राम सर्विंग में 6 ग्राम प्रोटीन होता है, जोकि एफएसएसएआई के अनुसार रिकमेंडेड डेली अलाउंस (आरडीए) का 11% है।
वंडरफुल पिस्ताचियोस का अध्ययन भारत में स्नैकिंग की आदतों को लेकर एक बड़ा बदलाव दिखाता है। नट्स अब केवल त्यौहारों के दौरान ही नहीं खाये जाते, बल्कि रोजाना की स्नैकिंग में इनका इस्तेमाल किया जाने लगा है, क्योंकि पौष्टिक विकल्पों के लिये इन्हें देशभर में पसंद किया जाता है। यह चलन पीढि़यों से इतर है और इसमें जनरेशन जेड तथा बेबी बूमर्स एक जैसे हैं। इससे शहरी भारत में सोच-समझकर खाने-पीने के बढ़ते महत्व का पता चलता है। ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ताओं को प्राकृतिक, दिल की सेहत के लिये अच्छे, प्रोटीन से भरपूर और ऊर्जा बढ़ाने वाले स्नैक्स चाहिये। ऐसे में भारत में स्नैकिंग का भविष्य पोषण तथा तंदुरुस्ती से भरा दिखता है।