यीडा की 82वीं बोर्ड बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णयों लिए


यीडा ने किया फैसला ग्रेटर नोएडा ने माना 

 *₹100/- के स्टाम्प पर एग्रीमेंट टू लीज का गया जमाना, बिल्डर फ्लैट बिक्री के लिए देनी होगी पूरी स्टाम्प ड्यूटी

गौतम बुद्ध नगर (अमन इंडिया ) । यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने आज गुरूवार दोपहर अपनी 82वीं बोर्ड बैठक मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ अरुणवीर सिंह की पहल पर फ्लैट बायर्स के हित में लिए गए एक दूरगामी निर्णय के तहत आज से ही बिल्डर द्वारा बायर्स के साथ किए जाने वाले एग्रीमेंट टू लीज के लिए पूरी स्टाम्प ड्यूटी भुगतान करने का आदेश जारी कर दिया गया। अब से पहले तक यह दस्तावेज मात्र ₹100/- के स्टाम्प पेपर पर तैयार किया जाता था जिसकी कोई वैधानिक मान्यता नहीं होती थी और संपत्ति की कीमत बढ़ने पर बिल्डर बायर्स के साथ धोखाधड़ी और बेईमानी कर लेते थे।यीडा बोर्ड द्वारा लिए गए इस निर्णय के कुछ घंटे बाद ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि कुमार एनजी ने मातहत अधिकारियों को ग्रेटर नोएडा में भी यही व्यवस्था अविलंब लागू करने के आदेश दे दिए। इसके लिए शीघ्र ही एक कार्यालय आदेश जारी किया जाएगा और यदि आवश्यकता हुई तो बोर्ड से इसका अनुमोदन कराया जाएगा।

यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) की आज गुरूवार को हुई 82वीं बोर्ड बैठक में अन्य कई महत्वपूर्ण निर्णयों के साथ बिल्डरों की बदनीयती और मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया। इस निर्णय के तहत  अब आगे कोई बिल्डर मात्र सौ रुपए के स्टाम्प पेपर पर फ्लैट बायर्स को एग्रीमेंट टू लीज का दस्तावेज बनाकर नहीं दे सकेगा। यह दस्तावेज अब फ्लैट की पूरी कीमत पर लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी भुगतान कर ही बनाया जा सकेगा। इस दस्तावेज की वैधानिक मान्यता होगी। इसके बाद कोई बिल्डर बायर्स को बेचे गए फ्लैट आदि संपत्ति को न तो बदल सकेगा और न ही किसी दूसरे को बेच सकेगा।यीडा बोर्ड द्वारा लिए गए इस महत्वपूर्ण निर्णय के कुछ घंटे बाद ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि कुमार एनजी ने अपने यहां भी इस व्यवस्था को लागू करने के आदेश मातहत अधिकारियों को दे दिए।अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी सौम्य श्रीवास्तव को इस व्यवस्था लागू करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके लिए बाकायदा एक कार्यालय आदेश जारी किया जाएगा और आवश्यकता होने पर आदेश का अनुमोदन प्राधिकरण बोर्ड से कराया जाएगा।