आँखों में जलन एलर्जी जैसी समस्याएं बढ़ा रही जहरीली हवा
*हवा में मौजूद धूल, धुआं, रासायनिक कण और प्रदूषक गैसें आँखों के नाजुक ऊतकों को कर रही प्रभावित
नोएडा (अमन इंडिया ) । वायु प्रदूषण का असर केवल हमारे श्वसन तंत्र तक सीमित नहीं है। यह आँखों पर भी गंभीर प्रभाव डालता है। बढ़ते प्रदूषण के कारण आँखों में जलन, लालिमा और सूजन जैसी समस्याएं आम होती जा रही हैं। हवा में मौजूद धूल, धुआं, रासायनिक कण और प्रदूषक गैसें आँखों के नाजुक ऊतकों को प्रभावित करती हैं।
*फेलिक्स अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपांजलि आर्या ने बताया कि वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने आँखों की समस्याओं को गंभीर बना दिया है। इससे बचने के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। सरकार को प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए, वहीं हमें भी अपनी आँखों की देखभाल और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होना चाहिए। स्वस्थ आँखों के लिए स्वच्छ हवा आवश्यक है, और इसे बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। वायु में मौजूद सूक्ष्म कण (पीएम 2.5 और पीएम 10) आँखों के संपर्क में आकर जलन और खुजली उत्पन्न करते हैं। सल्फर डाइऑक्साइड (एसओ 2), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ 2), और कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ) जैसे गैसें आँखों की सतह को नुकसान पहुंचाती हैं। वाहनों से निकलने वाला धुआं और सर्दियों में बनने वाला स्मॉग आँखों में जलन और धुंधला दिखने का कारण बनता है। प्रदूषण के कारण हवा में मौजूद पराग कण (पोलन) और अन्य एलर्जेन आँखों में एलर्जी को बढ़ा सकते हैं। प्रदूषण के कारण आँखों में जलन होना सबसे आम समस्या है। आंखें लाल और सूजी हुई दिखाई देती हैं। प्रदूषण से आँखों में लगातार खुजली होती है और पानी बहने लगता है। आँखों की सतह पर नमी बनाए रखने वाली परत प्रभावित होती है, जिससे सूखापन बढ़ता है। लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से दृष्टि कमजोर हो सकती है। कृत्रिम आंसू (आर्टिफिशियल टीयर्स) सूखापन और जलन से राहत दिलाते हैं। एंटी-एलर्जिक आई ड्रॉप्स खुजली और लालिमा को कम करते हैं। यदि समस्या गंभीर हो, तो नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करें।सही समय पर जांच और उपचार आँखों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। आँखों पर हल्के गर्म पानी की पट्टी रखने से आराम मिलता है। विटामिन ए, सी, और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ आँखों की सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। बाहर निकलते समय आँखों को धूल और धुएं से बचाने के लिए गॉगल्स पहनें। दिन में दो-तीन बार साफ पानी से आंखें धोएं। एन95 मास्क का उपयोग करें, जिससे प्रदूषित हवा के सीधे संपर्क से बचा जा सके। घर में एयर प्यूरिफायर का उपयोग करें। खिड़कियों और दरवाजों को बंद रखें, खासकर जब वायु गुणवत्ता खराब हो। कंप्यूटर और मोबाइल स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी आँखों की समस्याओं को और बढ़ा सकती है। यदि एक्यूआई खराब है, तो बाहर जाने से बचें। हर छह महीने में आँखों की जांच कराएं। गुलाब जल का उपयोग आँखों की जलन कम करने में सहायक होता है। ठंडे खीरे के टुकड़े आँखों पर रखने से सूजन में राहत मिलती है। धूम्रपान और धुएं वाले स्थानों से दूर रहें। बच्चों और बुजुर्गों की आँखों की विशेष देखभाल करें।
*आँखों में प्रदूषण से होने वाली परेशानियों के लक्षणः*
आँखों में जलन
लालिमा और सूजन
खुजली और पानी आना
सूखापन (ड्राई आई सिंड्रोम)
धुंधला दिखना
इलाज और उपचारः
आई ड्रॉप्स का उपयोग
डॉक्टरी परामर्श
गर्म पानी की पट्टी
आहार में सुधार
*आँखों की देखभाल के लिए बचाव के उपायः*
गॉगल्स का उपयोग
पानी से सफाई
मास्क पहनें
इनडोर सुरक्षा
स्क्रीन टाइम कम करें
एयर क्वालिटी इंडेक्स पर नजर रखें
नेत्र विशेषज्ञ से नियमित जांच