भारत में मुसलमान न्याय संयम और शांति की आवाज़ बनें: अमीरजमाअत-ए- इस्लामी हिन्द



 

दिल्ली (अमन इंडिया ) ।  यहां के पहाड़ी शरीफ स्थित वादी--हुदा मैदान मेंआयोजित राष्ट्रीय सदस्य सम्मेलन (इज्तेमा--अर्कानमें 15,000 से अधिकसदस्यों को संबोधित करते हुए जमाअत--इस्लामी हिन्द के अमीर (अध्यक्ष)सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने समाज में न्याय और संयम की आवश्यकताऔर महत्व पर जोर दिया। आज की वैश्विक नैतिकआध्यात्मिकसामाजिकराजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों और संकटों पर विचार प्रकटकरते हुए उन्होंने जमाअत के कैडर और मुस्लिम समुदाय से आगे आने औरन्याय और समानता के दीप प्रज्वलित करने का आग्रह किया। सदस्यों कोउनकी महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि, "शांति औरन्यायपूर्ण समाज के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें उच्च नैतिक चरित्र कीआवश्यकता है। यह सभा हमारे उद्देश्य के प्रति हमारी सामूहिक प्रतिबद्धताकी पुष्टि करती है।" सम्मेलन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए सैयदसआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा कि "यह सम्मेलन अनुभवों को साझा करनेत्यागअनुशासनसामूहिक उत्साह और नैतिक शक्ति को सुदृढ़ करने काएक मंच है। इस्लाम और उसकी शिक्षाओं पर व्यापक चर्चा और वाद हमारेलिए एक सुनहरा अवसर प्रस्तुत करती है। हमें इस माहौल का उपयोगजनमत को सही दिशा में आकार देने के लिए करना चाहिए।" उन्होंने इसबात पर भी जोर दिया कि “जब संयम का निश्चित मार्ग त्याग दिया जाता हैतो उग्रवाद उत्पन्न होता हैजिससे अन्याय होता है। मुसलमानों और अन्यउपेक्षित समुदायों के वर्तमान संकटों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने एकता औरलचीलेपन का आग्रह किया और कहा, "यद्यपि ये परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण हैंलेकिन इनमें सफलता और गौरव के बीज छिपे हैं।" अमीर जमाअत नेसदस्यों से उन लोगों से प्रेरणा लेने को कहाजिन्होंने "परिस्थितियों परविलाप करने या दोषारोपण करने के बजाय अपने काम पर ध्यान केंद्रितकिया और अल्लाह ने उनका मार्गदर्शन किया। उन्होंने नवीन समाधान खोजेनए तरीके अपनाए और नए मील के पत्थर स्थापित किए। उनके अनुभवसफलता की कहानियाँ और उपलब्धियाँ हम सभी के लिए संपत्ति हैं। इससभा के माध्यम से यह संपत्ति जमाअत के सदस्यों के दरमियान साझा कीजाएगी।"

 

वैचारिक और संगठनात्मक पहलुओं पर जमाअत के शीर्ष नेतृत्व के वक्तव्योंके अलावाजमाअत के महासचिव टी आरिफ अली ने संगठन की विगत दसवर्षों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत कीजिसमें जमाअत और उससे संबद्ध संस्थानोंद्वारा समाज के लिए किए गए योगदान पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने इसबात पर जोर दिया कि “आध्यात्मिकताअंतर-धार्मिक समझअनुसंधानऔर शिक्षासामाजिक विकासशिक्षानीतिगत मुद्देमूल्य-आधारितराजनीतिन्याय आधारित अर्थव्यवस्था आदि से संबंधित जमाअत के कार्यविभिन्न स्तरों पर समाज को लाभान्वित कर रहे हैं और बदल रहे हैं। विगत दोवर्षों में ही शिक्षास्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में काम कर रहेजमाअत--इस्लामी हिन्द से संबद्ध संस्थानों से 8 लाख से अधिक परिवारलाभान्वित हुए हैं। पिछले 10 वर्षों में 130 से अधिक ब्याज मुक्त सूक्ष्म-वित्तपहलों के माध्यम से लाखों परिवारों को सैकड़ों करोड़ रुपये की राशि केब्याज मुक्त ऋण प्रदान किए गए जिससे उनके जीवन में परिवर्तन आया।इसी तरह जमाअत और उससे संबद्ध संस्थाएं धोखाधड़ी के आपराधिकआरोपों का सामना कर रहे हजारों निर्दोष लोगों को बिना जाति-धर्म भेद केकानूनी और वित्तीय सहायता प्रदान कर रही हैं। तीन दिवसीय अखिलभारतीय सदस्य सम्मेलन के पहले दिन कुछ अन्य कार्यक्रम और सत्रसामाजिक कल्याणशिक्षा और सामुदायिक विकास के मुद्दों पर केंद्रित थे।सम्मेलन परिसर में शुक्रवार की नमाज़ और धर्मोपदेश आयोजित किया गयाजिसमें हजारों की संख्या में जमाअत--इस्लामी हिन्द के सदस्य एकत्र हुएऔर एक स्वर में दुआएं मांगीं। एक विशेष प्रदर्शनी ‘इदराक तहरीक शोकेसमें देश भर में सफलतापूर्वक चल रहे 100 से अधिक सामुदायिक औरसामाजिक विकास कार्यक्रमों को प्रदर्शित किया गया।