कानून मंत्रालय ने लिया समाजसेवी की सलाह का संज्ञान डॉ रंजन तोमर की अपील , वन्यजीव संरक्षण कानून , एनजीटी के अधिकारों में हो शामिल
नॉएडा ( अमन इंडिया) । शहर के समाजसेवी की अपील पर केंद्रीय कानून मंत्रालय ने संज्ञान लिया है ।समाजसेवी एवं पर्यावरणविद डॉक्टर रंजन तोमर द्वारा लगातार विभिन्न जानवरों के शिकार पर कई वर्षों से व्यापक कार्य किया गया है ।संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा की वन्यजीवों के संरक्षण में एक बड़ी बाधा यह आ रही है के राष्ट्रिय हरित न्यायालय अर्थात एनजीटी को वन्यजीव संरक्षण सम्बन्धी कानूनों को सुनने का अधिकार नहीं है ।जबकि एक ट्रिब्यूनल होने के नाते सबसे आसानी से और त्वरित न्याय एनजीटी से ही मिलना संभव है एक ट्रिब्यूनल आम कोर्ट की तरह ऐसे नियमों में नहीं बंधा होता जिससे आदेश आने में लम्बा समय लगे दूसरी बात यह की विश्व भर में ज्यादातर हरित न्यायालयों में वन्यजीव संरक्षण को जंगल एवं पर्यावरण संरक्षण कानूनों के साथ शामिल किया गया है जो एक दूसरे के पूरक भी हैं।
कानून में बदलाव से घटेगा जानवरों का शिकार भारत की माननिय संसद ने अपने पारित कानून में यह कमी छोड़ दी थी ।जिसके कारण जानवरों के खिलाफ शिकार में भारी कमी आएगी। ऐसे में तोमर ने यह मांग केंद्रीय कानून मंत्रालय से की थी जिसने अपने जवाब में कहा है की उनकी बात को संज्ञान में लेते हुए उसे नोट किया गया है आगे आवश्यक कार्यवाही के लिए सरकार तक पहुँचाया जाएगा। यदि कानून में अमेंडमेंट की जाती है तो यह देश ही नहीं दुनिया के लिए बेहद आवश्यक कदम होगा।