सर्दियों में बढ़ते ब्लड प्रेशर से दिल और बीपी के मरीज रहें विशेष सतर्क
घबराहट और नाक से खून बहने के मामले बढ़े सभी को सतर्क रहने की जरूरत
नोएडा (अमन इंडिया ) । सर्दियों के आगमन के साथ ब्लड प्रेशर (बीपी) से पीड़ित मरीजों की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। डॉक्टरों के अनुसार ठंड के मौसम में बीपी अचानक बढ़ने के मामले अधिक देखने को मिलते हैं। जरा-सी लापरवाही से मरीजों को गंभीर दिक्कतें हो सकती हैं। इनमें घबराहट, अत्यधिक पसीना आना, और नाक से खून बहने जैसी समस्याएं शामिल हैं। इन हालातों में मरीजों को तुरंत अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आ सकती है।
*फेलिक्स अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राहुल अरोरा ने बताया कि सर्दी के मौसम में रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने वाली धमनियां सिकुड़ जाती हैं। इसके कारण खून के प्रवाह को बनाए रखने के लिए ज्यादा दबाव की आवश्यकता होती है। इस दबाव के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। यदि यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे तो हृदय पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। बीपी की सामान्य रेंज 120/80 मानी जाती है। थोड़े समय के लिए इसमें उतार-चढ़ाव सामान्य है, लेकिन अगर यह स्थिति पूरे दिन बनी रहे, तो यह चिंता का विषय हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। सर्दियों में अस्पतालों की इमरजेंसी में रोजाना ऐसे मामले देखने को मिल रहे हैं, जहां मरीजों को अचानक बीपी बढ़ने की समस्या हो रही है। इनमें ज्यादातर पुराने हायपरटेंशन के मरीज हैं। डॉक्टरों का मानना है कि यह समस्या आमतौर पर खानपान में लापरवाही और दवाइयों के नियमित सेवन में गड़बड़ी के कारण हो रही है। इस मौसम में खांसी, जुकाम, फ्लू और साइनस जैसी बीमारियों के लिए ली जाने वाली दवाइयों में कई बार ऐसे तत्व होते हैं, जो ब्लड प्रेशर बढ़ा सकते हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा नहीं लेनी चाहिए। दिल के मरीजों के लिए सर्दी का मौसम अधिक संवेदनशील होता है। ठंड के कारण रक्तचाप बढ़ने से दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे मरीजों को अपनी दवाइयों का नियमित सेवन करना चाहिए और किसी भी तरह की दवा छूटने से बचना चाहिए। ठंड से बचने के लिए हल्के लेकिन कई लेयर वाले कपड़े पहनें। इससे शरीर को गर्म रखने में मदद मिलेगी। रोजाना 30 मिनट की एक्सरसाइज या वॉक बीपी को नियंत्रित रखने में मददगार होती है। सर्दियों में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है, जो बीपी को प्रभावित कर सकता है। बाहर निकलते समय मास्क पहनें। नमक का सेवन सीमित करें और हरी सब्जियां अधिक खाएं। धूम्रपान और शराब से बचें। अपने ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करवाएं और डॉक्टर की सलाह का पालन करें। सर्दियों में खानपान का सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। बीपी को नियंत्रित रखने के लिए नमक, तेल और चीनी का सेवन कम करें। सूप, हरी सब्जियां और फल जैसे संतरा, सेब और अनार को अपने आहार में शामिल करें। अदरक और तुलसी की चाय भी शरीर को गर्म रखने और रक्त संचार बेहतर करने में सहायक होती है। ठंड के मौसम में ब्लड प्रेशर और दिल के मरीजों के लिए विशेष सतर्कता जरूरी है। जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव जैसे समय पर सोना, तनाव से बचना, और नियमित रूप से शारीरिक गतिविधि करना बीपी को नियंत्रित रखने में मददगार होते हैं। सर्दियों में बीपी बढ़ने की समस्या को हल्के में लेना घातक साबित हो सकता है। किसी भी असामान्य लक्षण के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। खुद पर ध्यान देकर और सतर्क रहकर आप इस समस्या से बच सकते हैं।
*यह लक्षण दिखे तो हो जाए सावधानः*
- घबराहट, अत्यधिक पसीना आना और नाक से खून बहने, सीने में दर्द, सीढ़ी चढ़ने में कठिनाई
*इन सावधानियों से करें बचावः*
गर्म कपड़े पहनें
शारीरिक गतिविधि करें
प्रदूषण से बचाव
संतुलित आहार लें
डॉक्टर से नियमित संपर्क रखें
खानपान में करें सुधार
मौसम के अनुसार जीवनशैली में बदलाव जरूरी