दिल्ली-एनसीआर (अमन इंडिया ) । कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और विश्व कैंसर दिवस के मौके पर, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम ने पर्ल एकेडमी के सहयोग से एक फैशन शो – ‘टुगेदर वी विन’ का आयोजन किया। यह फैशन शो कैंसर जैसे रोग को हरा चुके लोगों के साहस, हिम्मत और बुलंद हौंसलों का जश्न मनाने के मकसद से आयोजित किया गया।
इस फैशन शो में रैम्प वॉक करने वाले मॉडल फैशन जगत की हस्तियां न होकर कैंसर सरवाइवर्स थे जो इस महारोग को अपनी संकल्प शक्ति और साहस के दम पर पछाड़ चुके हैं। उनके साथ इस मौके पर फोर्टिस गुरुग्राम के लगभग 10 आंकोलॉजिस्ट भी मौजूद थे जिन्होंने उनकी रिकवरी के सफर में कैंसर को बराबर की टक्कर दी थी। यह फैशन शो इन योद्धाओं के इरादों का जश्न तो था ही, साथ ही, आगामी 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस के मद्देनज़र कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने वाला आयोजन भी था।
कैंसर सरवाइवर्स और मेडिकल प्रोफेशनल्स समेत लगभग 35 प्रतिभागियों ने रैम्प वॉक की और तीन अलग-अलग पहलुओं को प्रस्तुत किया – “द फाइट”, “द हीलिंग” और “द विक्ट्री”। “द फाइट” में बोल्ड डिजाइनों के जरिए मरीजों के शुरुआती संघर्ष को दर्शाया गया था जबकि “द हीलिंग” में उनकी रिकवरी और रोग के बाद उनके नएपन को दिखलाने के लिए सॉफ्ट और सूदिंग एस्थेटिक्स का सहारा लिया गया था। “द विक्ट्री” में रोग को पराजित करने और उसके बाद पैदा हुए खुशी तथा साहस के भाव को दर्शाया गया था। भारत के अग्रणी क्रिएटिव एजुकेशन इंस्टीट्यूट पर्ल एकेडमी के छात्रों और फैकल्टी ने इन मॉडलों के स्टाइल पर मिलकर काम किया, गारमेंट अपस्केलिंग, हेयर, मेकअप तथा एक्सेसरीज़ जैसे पक्ष संभाले। कुल-मिलाकर, शो का मकसद कैंसर सरवाइवर्स की ताकत, सकारात्मकता और उनके दृढ़ जज़्बे को दिखाते हुए, इसी तरह की तकलीफों से गुजर रहे अन्य लोगों को भी प्रेरित करना था।
यश रावत, फेसिलिटी डायरेक्टर, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम ने कहा, “आने वाले वर्षों में भारत को कैंसर के खिलाफ भारी युद्ध छेड़ना पड़ सकता है, और अग्रणी हेल्थकेयर सेवा प्रदाता के तौर पर, फोर्टिस कैंसर मरीजों के उपचार और बेहतरीन देखभाल की दिशा में नए कदम उठा रहा है। हमारे कैंसर सरवाइवर्स दूसरों के लिए प्रेरणा हैं, जिन्होंने यह साबित किया है कि कैंसर के बाद की जिंदगी केवल जिंदा रहने का नाम नहीं होती, बल्कि यह नया जीवन पूरे विश्वास और सम्मान के साथ इसका जश्न मनाने का मौका है। यह फैशन शो भी उनके इसी भाव, साहस और उम्मीद को दर्शाने वाला आयोजन साबित हुआ। फोर्टिस गुरुग्राम में, हम केवल वर्ल्ड क्लास उपचार ही नहीं देते बल्कि हर मरीज को रिकवरी की राह पर भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक सहयोग भी प्रदान करते हैं। आज हम, उनके हौंसला और उनके मजबूत इरादों तथा जज़्बों का जश्न मना रहे हैं।
अदिति श्रीवास्वत प्रेसीडेंट पर्ल एकेडमी ने कहा “इस पार्टनरशिप के माध्यम से, पर्ल एकेडमी और फोर्टिस गुरुग्राम ने केवल एक यादगार फैशन अनुभव को ही नहीं तैयार किया बल्कि कैंसर सरवाइवर्स को सशक्त और समर्थ महसूस करवाने के लिए फैशन की ताकत का भी इस्तेमाल किया। इस शो ने कैंसर जैसे रोग को लेकर समाज में फैली शर्मिंदगी को भी दूर किया, मरीजों का मनोबल बढ़ाने और उनकी रिकवरी जैसे विषयों पर बातचीत की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाया है। इस शो ने एक बार यह साबित कर दिखाया है कि फैशन सिर्फ ग्लैमर नहीं है, बल्कि यह एक बौद्धिक और सांस्कृतिक ताकत भी है जिसमें बदलाव को प्रेरित करने की क्षमता है। “टुगेदर वी विन” इस बात का प्रमाण है कि किस प्रकार रचनात्मकता, दयाभाव और उद्देश्य मिलकर असल प्रभाव डालते हैं। आने वाले समय में इंडस्ट्री लीडर के तौर पर तैयार हो रहे हमारे छात्रों को यह समझना होगा कि फैशन सिर्फ कलात्मकता का नाम नहीं है, सच तो यह है कि यह स्टोरीटेलिंग और सशक्तिकरण के साथ-साथ जिम्मेदारी भी है। इस तरह के प्रयासों के जरिए हम सामाजिक जिम्मेदारी के महत्व को दोहराते हैं, और यह सुनिश्चित करते हैं कि फैशन समाज में सक्रियता, समावेशिता और सामाजिक बदलाव का भी माध्यम होता है। यह शो केवल स्टाइल नहीं है – यह साहस, हिम्मत और मानवीय जज़्बे का भी प्रतीक है।
इस फैशन शो में रैम्प वॉक करने वाले कैंसर सरवाइवर आलोक गोयनका ने अपने अनुभवों के बारे में बताया, “मैंने अपने मन के डर से मुक्ति पायी और दोबारा जिंदगी के प्रति उसी उत्साह और उमंग को वापस पा लिया है, जो मुझे लगा था कि मैं खो चुका हूं। यह रनवे दरअसल, मेरे लिए उस युद्धक्षेत्र के समान है जिससे गुजरते हुए मैं जीत के द्वार तक पहुंचा हूं, और जहां पहुंचकर मैंने अपने मन के डर और संशय को पीछे छोड़ दिया है।
एक अन्य सरवाइवर सीमा कुमारी ने अपने अनुभव को इन शब्दों में बयान किया – “उम्मीद उस किरण की तरह है जिसने मुझे सबसे अंधकारमय दौर में राह दिखायी। यह केवल एक अहसास नहीं है बल्कि उस उत्साह की खुराक की तरह है जो आपको लड़ाई जारी रखने के लिए प्रेरित करती है, भले ही रास्ता कितनी भी दुश्वारियों से भरा क्यों न हो।
एक अन्य कैंसर सरवाइवर और मोटरसाइक्लिस्ट संजय डावर ने कहा, “सरवाइवल का मतलब यह नहीं कि केवल जिंदा रहा जाए, बल्कि यह उत्साहपूर्वक जिंदगी जीने का नाम है। हर दिन एक नई राइड का अवसर लेकर आता है, जो आपको अपने डर की गियर शिफ्ट करने और सही मायने में, एक सार्थक उद्देश्य को ध्यान में रखकर उल्लासमय तरीके से जीवन बिताने के लिए प्रेरित करता है।