जिला उद्योग बन्धु ने विभिन्न एसोसिएशन से बैठक का आयोजन किया

 


नोएडा (अमन इंडिया ) । जिलाधिकारी जिला गौतमबुद्ध नगर की अध्यक्षता में नौएडा हॉट सैक्टर-33ए नौएडा में जिला उद्योग बन्धु बैठक  का आयोजन किया गया । विभिन्न विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति में नोएडा एन्ट्रेप्रिनियोर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन कुमार मल्हन ने अवगत कराया कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा एंव यीडा औद्यौगिक विकास प्राधिकरण में औद्यौगिक परिसंपतियों हेतु युनिफाईड रैगुलेशन 2025 नीति लागू की गई है । इस नई नीति से नौएडा में स्थापित औद्यौगिक इकाईयों को क्रियान्वयन करने में निम्नलिखित कठिनाई  उत्पन्न होगी।

नोएडा में वर्तमान में अंतरण सम्बन्धी लागू नीति के अनुसार स्थापित औद्यौगिक इकाई के मूल्य का 4 प्रतिशत अंतरण शुल्क देय होता है जबकि उक्त लागू की जाने वाली नीति के अनुसार 4 प्रतिशत के स्थान पर 10 प्रतिशत अंतरण शुल्क लागू होगा  जिससे औद्यौगिक इकाई द्वारा बनाये जा रहे प्रोडेक्ट की लागत में अत्यधिक वृद्धि होगी । 

अधिकतर औद्यौगिक इकाईयाॅ प्रा0 लि0 / लिमिटेड कम्पनी द्वारा संचालित की जा रही है । कम्पनी की व्यापारिक गतिविधि/ स्थिति के अनुसार निदेशकों/ अंशधारकों में परिवर्तन होता रहता है। उक्त परिवर्तन निर्धारित शुल्क जमा कराये जाने के उपरांत केन्द्रीय सरकार द्वारा संचालित आरओसी में दर्ज कराया जाता है। सीआईसी परिवर्तन शुल्क आरओसी में दिये जाने के उपरांत पुनः नोएडा द्वारा लिया जाना उचित नहीं है। परन्तु नोएडा द्वारा परिवर्तन हेतु इकाई के मूल्य का 8 प्रतिशत सीआईसी शुल्क के स्थान पर 10 प्रतिशत सी.आई.सी. शुल्क में वृद्धि की गई है। 

उन्होंने डीएम को बताया कि औद्यौगिक भूखंड के आवंटन के उपरांत इकाई निर्मित कर संचलित किये जाने हेतु 3 वर्ष की अवघि निःशुल्क प्रदान की जाती थी तथा तदोपरांत 8 वर्ष सशुल्क इकाई निमार्ण किये जाने हेतु समयवृद्धि अनुमन्य किये जाने का प्रावधान था । उक्त नवीन पाॅलिसी में सशुल्क 2 वर्ष अर्थात अधिकतम कुल 5 वर्ष की अवधि में इकाई निर्मित कर संचालित किये जाने की समय सीमा निर्धारित की गई है। जोकि बहुत कम है । अतः जो भूखंड पुरानी नीति के अनुसार कार्यशील ना हो पाये हों उनको 2 वर्ष का अतिरिक्त समय प्रदान किया जाए । 

इकाई निमार्ण हेतु सशुल्क समयवृद्धि फेस-।, ।।, तथा फेस-।।। हेतु रू0 50/-,रू0 25/- रू0 35 प्रतिवर्ग मीटर के स्थान पर भूखंड के मूल्य का 4 प्रतिशत कर दी गई ंजिससे फेस-। के अर्तगत आवंटित क्षेत्रफल 1000 वर्गमीटर के भूखंड पर रू0 50,000.00 के स्थान पर रू0 1,76,0000/- बनेगा जो अत्यधिक है।



वर्ष 2018 से पूर्व आवंटित इकाईयों में अधिभोग प्रमाण-पत्र की बाध्यता नही थी उक्त पालिसी में वर्ष 2018 से पूर्व के प्रकरणों में भी लागू किया गया है जोकि न्यायोचित नही है। वर्ष 2018 से पूर्व के आवंटियों के ऊपर वर्ष 2012 वाली निर्धारित पाॅलिसी ही पूर्व की भाॅति लागू की जानी चाहिए ।

जिन इकाईयों को सैक्टर-155, 158, 162, 164, फेस-।। में नये भूखंड आंवटित किये गये हैं उनमें किराया अनुमति के चार्जेज फेस-।। में रू0 100/-, प्रतिवर्ग मीटर के स्थान पर रू0 200/-, प्रति वर्गमीटर किया जा रहा है । अतः पूर्व प्रचलित नीति के अनुसार फेस-।। में किराया अनुमति शुल्क रू0 100/- प्रति वर्गमीटर किया जाए । अन्तरण शुल्क, समयवृद्धि शुल्क एंव फेस-।। किराया अनुमति शुल्क को पूर्व की भाति करते हुए , सी0आई0सी0 शुल्क एंव वर्ष 2018 से पूर्व आवंटित इकाईयों से अधिभोग प्रमाण-पत्र प्राप्त करने की बाध्यता को समाप्त किया जाए । 

उपरोक्त मुद्दों को सुनने के पश्चात डीएम ने कहा कि उक्त मुददों को नोएडा, गे्रटर नौएडा एंव यीडा तीनों प्राधिकरणों की होने वाली आगामी बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। 

बैठक में एन.ई.ए. के अध्यक्ष विपिन कुमार मल्हन, महासचिव वी0के0सेठ, उपाध्यक्ष राजेन्द्र मोहन जिंदल, कोषाध्यक्षएस.सी.जैन, सह कोषाध्यक्ष संदीप विरमानी, सचिव राहुल नैययर, राजन खुराना, विरेन्द्र नरूला, सह सचिव जीके बंसल, अजय अग्रवाल, ओम प्रकाश, अंकुर अरोड़ा शामिल थे ।