फोर्टिस हेल्थकेयर ने लॉन्च किया ‘फोर्टिस इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक मेडिसिन’,प्रिसीजन मेडिसिन के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत*
दिल्ली (अमन इंडिया) । फोर्टिस हेल्थकेयर ने आज ‘फोर्टिस इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक मेडिसिन’ लॉन्च किया है, जो जीनोमिक विज्ञान की क्षमताओं का उपयोग करते हुए देशभर में मरीजों की देखभाल के लिए समर्पित केंद्र होगा। फोर्टिस के उन्नत क्लीनिकल इकोसिस्टम तथा एगिलस डायग्नॉस्टिक की देशव्यापी मौजूदगी के चलते, इस इंस्टीट्यूट में मॉलीक्यूलर हेमेटोलॉजी, ओंकोलॉजी, न्यूरोलॉजी, पिडियाट्रिक्स, पैथोलॉजी, जीनोमिक वैज्ञानिकों और बायोइंफॉरमेटिक्स तथा एआई (कृत्रिक मेधा) इंजीनियरों समेत मेडिकल एक्सपर्ट्स की मल्टीडिसीप्लीनरी टीम को तैनात किया जाएगा।
जीमोमिक्स दुनियाभर में विभिन्न स्पेश्यलिटीज़ जैसे ओंकोलॉजी, कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी आदि के क्षेत्रों में चिकित्सा और उपचार के तौर-तरीकों में बदलाव ला रही है। ओंको-जीनोमिक्स की मदद से क्लीनिशयंस कैंसर के जेनेटिक उत्प्रेरकों का पता लगाकर टारगेटेड (लक्षित) थेरेपी दे पाते हैं जो अधिक प्रभावी होने के साथ-साथ पारंपरिक उपचार, जो कि सभी के लिए एक समान होता है, की तुलना में कम टॉक्सिक होती है। कार्डियो जीनोमिक्स से जन्मजात कार्डियाक कंडीशंस का शीघ्र पता लगाने में मदद मिलती है जो कि उन लोगों के लिए काफी उपयोगी साबित होती है जिनके परिवारों में अचानक हृदय गति रुकने, अज्ञात कारणों से हार्ट फेल होने या जन्मजात हृदय रोगों की हिस्ट्री है। इस बीच, न्यूरो-जीनोमिक्स से उन मरीजों के लिए उम्मीद की किरण पैदा हुई है जो जटिल किस्म के न्यूरोलॉजिकल विकारों से ग्रस्त हैं। ऐसे मामलों में, जीन आधारित इन्साइट्स से एपिलेप्सी, पार्किन्सन और दुर्लभ किस्म के न्यूरोडेवलपमेंट सिंड्रोम जैसी कंडीशंस के डायग्नॉसिस और पर्सनलाइज़्ड उपचार में मदद मिलती है। जीनोमिक्स की ताकत से पहले ही जीवन में रूपांतरकारी परिणाम मिले हैंः जैसे कि ल्यूकीमिकया के एक मरीज को, जिनका पहले ट्रांसप्लांट किया जाना था, सटीक जीनोमिक डायग्नॉसिस के बाद नए सिरे से उपचार किया गया। इसी तरह, आनुवांशिक कैंसर जोखिम से ग्रस्त एक महिला की जीनोमिक स्क्रीनिंग के बाद, शीघ्र रोग का पता चला और उनके तीन परिजनों की प्रीवेंटिव केयर की गई, एक अन्य मामले में एक लंग कैंसर के जिस मरीज की पहले MET-ST7 फ्यूज़न (जेनेटिक आल्टरेशन) की पहचान नहीं हो पायी थी – फोर्टिस की नेक्स्ट-जेनरेशन सीक्वेंसिंग (एनजीएस) से ही पहचान हो सकी, और अब उनकी टार्गेटेड थेरेपी की जा रही है।
श्री अनिल विनायक, ग्रुप चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, फोर्टिस हेल्थकेयर ने कहा, “फोर्टिस इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक मेडिसिन का लॉन्च मेडिकल क्षेत्र में बदलाव के अग्रणी मोर्चे पर कायम होने की हमारी योजना के अनुरूप है। जीनोमिक को अपनी बुनियादी सेवाओं में शामिल कर हम पर्सनलाइज़्ड, डेटा आधारित केयर प्रदान करने की अपनी क्षमताओं को बढ़ाकर क्लीनिकल इनोवेशन के क्षेत्र में अपने क्लीनिकल नेतृत्व को और मजबूती दे रहे हैं। इस पहल ने मरीजों के उपचार की बेहतर सुविधाओं, क्लीनिकल उत्कृष्टता को सपोर्ट करने और संपूर्ण हेल्थकेयर इकोसिस्टम में देखभाल के मानमों में सुधार को ध्यान में रखकर, भविष्य के हिसाब से तैयार टेक्नोलॉजी में निवेश करने की हमारी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता बढ़ायी है। यह केवल डायग्नॉस्टिक्स से कहीं अधिक है, यह सेहतमंद भविष्य की दिशा में बढ़ाया गया कदम है और जैसा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि आज बेहतर स्वास्थ्य आने वाले बेहतर भविष्य की नींव है।”
डॉ ऋतु गर्ग, चीफ इनोवेशन एंड ग्रोथ ऑफिसर, फोर्टिस हेल्थकेर ने कहा, “फोर्टिस इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक मेडिसिन का लॉन्च भविष्योन्मुखी हेल्थकेयर इकोसिस्टम की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। फोर्टिस में हमें इस बात का भरपूर अहसास है कि मेडिसिन का भविष्य प्रिसीजन और पर्सनलाइज़ेशन जैसी कसौटियों पर टिका है। इसी को ध्यान में रखकर हमारा यह इंस्टीट्यूट भी अत्याधुनिक विज्ञान का मेल क्लीनिकल उत्कृष्टता से कराते हुए, हमें मरीजों के लिए बेहतर परिणाम और देखभाल के मानकों को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए प्रेरित करता है। हेल्थकेयर इकोसिस्टम में अग्रणी मोर्चे पर डटे होने के कारण, हम इनोवेशन का ऐसा मॉडल पेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिसे आवश्यकतानुसार बढ़ाया जा सके और जो सस्टेनेबल होने के साथ-साथ अत्यंत प्रभावी भी हो।”
यश रावत, फेसिलिटी डायरेक्टर, एफएमआरआई, गुरुग्राम ने कहा, “जीनोमिक टेस्टिंग से हेल्थ और क्रोनिक बीमारियों से निपटने के तौर-तरीकों में क्रांतिकारी बदलाव आ रहा है। यह रोग का शीघ्र पता लगाकर, सटीक उपचार और जोखिम मूल्यांकन कर गैर-संक्रामक बीमारियों से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। ऐसे में, चाहे कोई ऐसा बच्चा हो जिसमें एनीमिया का कारण अज्ञात हो, या ब्रेस्ट कैंसर की फैमिली हिस्ट्री वाली कोई महिला, या फिर ऐसा लंग कैंसर मरीज जिसे टार्गेटेड थेरेपी की आवश्यकता है, जीनोमिक्स इन मामलों में उपचार को पर्सनलाइज़ कर सकता है। किसी भी व्यक्ति के डीएनए का मूल्यांकन कर, उसके आनुवांशिक रिस्क फैक्टर्स के बारे में जरूरी जानकारी हासिल की जा सकती है और यह भी कि वह दवाओं को किस प्रकार से मेटाबोलाइज़ करता है, और कुछ खास प्रकार के रोगों की कितनी आशंका है।”
फोर्टिस निकट भविष्य में प्रिसीजन मेडिसिन में नए मानक रचते हुए जीनोमिक्स-इंफॉर्म्ड हेल्थ रजिस्ट्री भी लॉन्च करेगा, और साथ ही, भारतीय क्लीनिशियनों के लिए एसीएमजी (अमेरिकन कॉलेज ऑफ मेडिकल जेनेटिक्स एंड जीनोमिक्स), एएमपी (एसोसएिशन फॉर मॉलीक्यूलर पैथोलॉजी) तथा एएससीओ (अमेरिकन सोसायटी टॉफ क्लीनिकल ओंकोलॉजी) की सिफारिशों के अनुरूप खासतौर से तैयार भारत का पहला एआई-पावर्ड जीनोमिक रिपोर्टिंग प्लेटफार्म भी लॉन्च करेगा, जो कि अनुपालक, क्लीनिकली प्रासंगिक और मेडिकल प्रेक्टिस में सुगमतापूर्वक इंटीग्रेशन के लिए इन्यट्यूटिव डिजाइन आधारित होगा।
‘फोर्टिस इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक मेडिसिन’ के लॉन्च के दौरान निम्न मेडिकल एक्सपर्ट्स उपस्थित थे -
• डॉ राहुल भार्गव, प्रिंसीपल डायरेक्टर एंड चीफ, बोन मैरो ट्रांसप्लांट, एफएमआरआई, गुरुग्राम
• डॉ विनायक अग्रवाल, सीनियर डायरेक्टर एंड हेड, नॉन इन्वेसिव कार्डियोलॉजी, एफएमआरआई, गुरुग्राम
• डॉ प्रवीण गुप्ता, प्रिंसीपल डायरेक्टर एंड चीफ ऑफ न्यूरोलॉजी, एफएमआरआई, गुरुग्राम
• डॉ नीतेश रोहतगी, सीनियर डायरेक्टर, मेडिकल ओंकोलॉजी, एफएमआरआई, गुरुग्राम
• डॉ अंकुर बहल, सीनियर डायरेक्टर, मेडिकल ओंकोलॉजी, एफएमआरआई, गुरुग्राम
• डॉ श्रीनिधि नाथानी, कंसल्टेंट, मॉलीक्यूलर हेमेटोलॉजी एंड ओंकोलॉजी, एफएमआरआई, गुरुग्राम
• डॉ ऋतु गर्ग, चीफ मार्केटिंग एंड इनोवेशन ऑफिसर, फोर्टिस हेल्थकेयर
• यश रावत, फेसिलिटी डायरेक्टर, एफएमआरआई, गुरुग्राम